पहले विवाद मुश्किल थे, अब संवाद...।।
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ज़िन्दगी ढूंढो तो हर शय में मिलेगी,
बिना सूरज के कलियाँ कहाँ से खिलेंगी... ।
माना कि अंधेरा घना है, रास्ता नज़र नहीं आता
पर तू ही सोच बिना जलाए चिराग रोशनी कहाँ से मिलेगी...।
जीवन की मुश्किलों से यूं जो घबराता ही रहा,
कामयाबी की मिसालें कहाँ से बनेगी...।-
इजाज़त है दिल को,
गुस्ताख़ियाँ हजारों करने की...
फ़क़त इश्क़ करने की कोई माफ़ी नहीं...।।-
इक बात सिखा गयी...
सबक लिया करें,
गैरों की गलतियों से भी...
हर बार खुद गलती करके सीखे
ये जरूरी तो नहीं.... ।।-
कितनी ही नाराज क्यों ना हो वो मुझसे,
मेरी हल्की आहों पर अपनी नींदें वार देती थी वो,
बीत जाती हैं कई रातें बुखार से तपते हुए,
उसकी आंचल की छांव बहुत याद आती है...।।-
जब से खुद में खोने लगी हूँ,
रोज थोड़ा थोड़ा खुद को पाने लगी हूँ...।।-
मुझे भी खबर नहीं,
कि मेरे साथ क्या हुआ है...
हाँ.. ये लगता तो है,
कि कुछ तो बुरा हुआ है...।।-
अगर आज तुम,
टूटते रिश्ते को बचा लो ..
तो शायद कल रिश्ते,
तुम्हें टूटने से बचा ले.... ।।-