मुझे काश में नहीं जीना जो करना हैं अभी करना हैं मुझे कल पे भरोसा नहीं मुझे ज़िन्दगी को आज खुल के जीना हैं बीते हर पल को फिर से नये ढंग से जीना हैं हाँ मुझे काश में नहीं जीना हैं...
जीवन उस पीपल पात की तरह हैं जो ज़रा सी हवा से साथ छोड़ देता है आज जो आपके साथ हँस रहे ज़रूरी नहीं कि वो कल रहें इसलिए जितना हो सके खुश रहिए और उनको खुश रखिए क्या पता कल हो ना हो....
हुआ उसकी बातों से कुछ अलग सा आभास हुआ मेरी ही बातों से इक नया आगाज़ हुआ वो मुझे समझती रही मैं उसे इसी बहाने हमारा कुछ तो मिलाप हुआ हाँ सही सुना रात से संवाद हुआ..
मैं बेशक अच्छी नहीं पर ये समझ ले ज़िंदगी तू भी कुछ कम नहीं तुझे जान ,तेरा साथ पाना ये इतना भी आसान नहीं बिछाती रहती हैं तू काँटे मेरी राहों में और फिर तू कहती है मै तेरे काबिल नहीं...