तुम से उल्फत कुछ यूं कर लिया हुं हाफ़िजों की तरह तुम्हें अज्बर कर लिया हुं बुलाता हुं किसी को, कहता है कहां खोए हो मानों तुम्हारा नाम से, उसे पुकार लिया हुं हकीकतन आज कुछ यूं गलती कर लिया हुं
بیٹھے بیٹھے خیالِ وصلِ یار یوں سوچنے لگا ہوں انکی رسمِ خاندانی پے غور یوں کرنے لگا ہوں والدین کی اب تک کی ساری زندگی لگ گئی جس زندگی کے لیۓ کمبخت اے عشق تیرے لیۓ اسے اور اعلیٰ کرنے لگا ہوں