हर मज़हब के रंग अलग हैं..रंग मिलाएँ होली में
आओ गले लगाएं सबको..इश्क़ मनाएँ होली में
इंद्रधनुष फैला है देखो आसमान के आरिज़ पर
चल मुट्ठी में भरकर सातों रंग उड़ाएँ होली में
जो भी पैकर बनेगा सबसे प्रेम की भाषा बोलेगा
प्रेम की मिट्टी रखकर हम-तुम..चाक घुमाएँ होली में
आओ रंग बनाएं ऐसा..रंग जो सबसे अव्वल हो
यानी रंग-ए-अम्न हो हर सू..यही दुआएँ होली में
मेरे गाल प' रंग लगेगा...वो भी तेरे हाथों से
आओ तेरी ज़ुल्फ़ में पीला फूल सजाएँ होली में
अपने इश्क़ की बातें 'साहिल' रुकी हुई हैं आँखों तक
सुर्ख़-गुलाबी रंग लगाकर..बात बढ़ाएँ होली में
शमशेर' साहिल
-