Meri aankhon pe marta tha,
Meri baato pe hasta tha,
Na jane shakhs tha kaisa,
Mujhe khone se darta tha,
Mujhe jab bhi wo mila tha,
Yahi har baar kahta tha
Suno.....!!
Agar mai bhool jau to,
Agar mai rooth jau to,
Kabhi wapis na aau to,
Yuhi haste rahoge kya?
Yuhi sajte rahoge kya?
Yahi baate hain bas uski,
Yahi yaade hain bas uski,
Mujhe itna pata hai bas,
Mujhe wo pyar karta tha,
Mujhe wo pyar karta tha....!!
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insta @tabrezz_19
कोई लफ्जों में कैसे बता दे उनके मर्तबे की हद क्या है,
हमने अपने बड़ों से सुना है बस खुदा ही उनसे बड़ा!!
#EidMiladunnabi_saw❤-
معاف کرنا بڑا مشکل کام ہوتا ہے،
اور اللہ کے پاس مشکل کاموں کا بڑا اجر ہے۔
میں دیکھنا چاہتا ہوں اللہ کے پاس میرا اجر کیا ہے؟
شہر ذات
-عمیرہ احمد-
अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें संवार लूं,
मेरा लफ़्ज़ लफ़्ज़ हो आईना तुझे आइने में उतार लूं ।।
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूं ।।
कई अजनबी तेरी राह में मेरे पास से यूं गुज़र गए,
जिन्हें देख कर ये तड़प हुई तेरा नाम ले के पुकार लूं ।।-
वो अक्सर मुझसे कहती थी,
वफा है ज़ात औरत की,
मगर जो मर्द होते हैं,
बड़े बेदर्द होते हैं,
किसी भँवरे की सूरत गुल की खुश्बू छीन लेते हैं..
सुनो....
तुमको क़सम मेरी,
रिवायत तोड़ देना तुम,
न तन्हा छोड़ कर जाना,
न ये दिल तोड़ कर जाना,
मगर फिर यूं हुआ इक दिन,
मुझे अंजान रस्ते पर,
अकेले छोड़ कर उसने,
मेरा दिल तोड़ कर उसने,
वफा है ज़ात औरत की रिवायत तोड़ दी उसने!!-
Tu kaba tak gaya hai, aur main kaba ke maalik tak,
Rasaai dekh aye waaiz, kaha teri kaha meri!-
अभी ग़नीमत है सब्र मेरा अभी लबालब भरा नहीं हूँ
वो मुझको मुर्दा समझ रहा है उसे कहो मैं मरा नहीं हूँ !
अलविदा राहत साहब !-
सावन बरसे, तरसे दिल, क्यों ना निकले घर से दिल बरखा में भी दिल प्यासा है, ये प्यार नहीं तो क्या है देखो कैसा बेकरार है भरे बाजार में यार एक यार के इंतजार में
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تو ہے سورج تجھے معلوم کہاں رات کا دکھ
تو کسی روز مرے گھر میں اتر شام کے بعد
فرحت عباس شاہ-