अनोखा है यह रिश्ता
अनूठा है यह बंधन..
मेरे भैया हैं मेरे फ़रिश्ता 👼
जिनके पंखों में है मेरी धड़कन.. 🕊-
काफ़िराना सा है..
मेरे लिए आपका स्नेह
मेरे भैया के लिए,
मेरी जां निसार है।
🤗-
ए ज़िंदगी मैंने तेरे सभी ग़मों को लगाया है अपने सीने से..
बस इतनी सी शिकायत है तुझसे..
के तूने क्यों मिलवाया उनसे मुझे..
जिन्हें फर्क नहीं पड़ता मेरे मरने और जीने से।😔
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मांगी थी तुझसे ए ज़िंदगी मैंने....
पर तूने तो वेदना की बौछार कर दी..
लेकिन एक बात माननी पड़ेगी यार...
चेहरे की मुस्कान तूने बेहद अच्छी दी है मुझे..
देखना मुझे चुनने पर एक दिन फक्र होगा तुझे..
तूने इस बात को समझा कि..
मेरे अलावा इतनी ताकत किसी में नहीं..
जो सह सके लाखों गम हंसकर।🙂
शुक्रिया ज़िंदगी।
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मेरी बर्बादी की कहानी...
ताकि मेरी तरह किसी और की
बर्बाद ना हो जवानी...
मेरी दीवार पर लिख दो
नतीजा बेहद प्यार करने का...
ताकि लोग हद में रहकर प्यार करें...
झूठा कसम ना खाएं संग जीने और मरने का...
दीवार पर लिख दो सब कुछ
ताकि औरों को भी पता चले
असीमित प्यार करने का नतीजा क्या होता है...
कि कैसे कोई इंसान झूठी हंसी हंसता है
और मन से रोता है।
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हमारे बीच सब बिखर गया...
जरा सी देर के फैसले में...
सालों पुराना रिश्ता बिछड़ गया...
संग रहूंगा सदा तुम्हारे वह कुछ ऐसा कह गया..
रेत की ढेर सा संजोया हुआ रिश्ता..
ना जाने पल भर की वर्षा में कहां बह गया..
एक दिन जीवन साथी बनेंगे वह कुछ ऐसा कह गया...
हमेशा की तरह इस बार भी सपना अधूरा ही रह गया। 😔-
के हमारी ज़िंदगी कुछ यूं गुजर गई..
धड़कनों का साथ छोड़ सांसें चली गईं।-
हम किसी के पीछे इतना ज्यादा मशगूल हो गए..
अब फुर्सत में भी फुर्सत नहीं उन्हें,
हम उनके लिए इतने फिजूल हो गए।😔
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शहरों में तो लोग सभी को उनके काम से जानते हैं..
हमारे गाँव में लोग हमें पिता के नाम से जानते हैं।
😊😊-
जीवित हमारा शरीर,हम नहीं।
हम तो कब का मर चुके,
पर...
ना जाने हमारे चाहने वाले कितने,
इस छोटे से दिल में घर कर चुके।
इसलिए कहते हैं
हम जीवित हैं,
क्योंकि हमारे अजीज हमारे ही दिल में तो रहते हैं
तो सोचो इस दिल को हम कैसे मार दें?
सिर्फ अपने ही लिए औरों का जीवन कैसे बिगाड़ दें?🙂-