लौट आए हम तो मक्कारो के
कीड़े निकाल के,फिर भी कोसते
है अपनी बदजुबा निकाल के//१
मशविरा है मेरा उनको रखे जरा
शिरीन जुबान को
अभी सब्ज है ज़ख्म
मेरे गुजरे साल के//२
होके जवान फरजंद
अपने फर्ज से मुंह मोड़ गए,
वो बुजुर्ग तन्हा रह गया
खुद बेटो को पाल के//३
इसपे भी वो फरजंद
अश्कबार न हुए,
अल्लाह तूने उनको भी दे बेटे जरा देखभाल के//४
मक्कार अफ़राद को है
शमा से बड़ी तलब,कि
मैं सबको सुनाऊं उनकी
पोथियां निकाल के//५
शमीम अख्तर
ShamawritesBebaak ✍️— % &-
देखा करो कभी
अपने वालिदेन के
चश्म में,ये वो चश्म है
जिसमे औलाद कभी
बडी नहीं होती...— % &-
मै चश्म उठाकर भी न देखूँ,
जिनसे मेरी दिले तबियत
ही ना मिले........
जबरन सबसे दस्त मिलाना,
मेरा मिजाज ए ऊसूल नहीं..-
मुर्शीद!! मैंने अक्सर
Attitude,और अना
पालने वालो को अकेले
तन्हा रहते मरते देखा है,-
तो फिर
सुनो इब्ने आदम🎤
तुम्हारे हक में मेरी
एक दुआ है@@
अगले जन्म में
मैं तुम्हारी बेटी बनूँ🙆
और मुझे तुम जैसा
आशिक फिर मिले🏃
शायद तुम फिर
समझ पाओगे👪
तुम्हारी इस हरकत से
मुझे और मेरे परिवार को
कितना दर्द और
अजीयत सहनी पड़ी है।
तुमनेमेरी पूरी जिंदगी
जहन्नुम बनाकर रख डाली 😭😡😩...??-
अगर आपके वालिदेन जिंदा है
,तो उनकी इज़्ज़त कीजिए
,ना जाने कितने यतीम,
इनकी दुवा और मुहब्बत की
महरूमियत से तड़प रहे हैं✍️-
ओछे लोगो के समक्ष
अनुशासन में रहने से
हम दुखी हो जाते है,तो
,
,
,
मैं कभी कभार ओछा बनने में
खुद को अनुशासनहीन नही
समझती...😎🤓🤗-
बहुत गमगीन रहा ये साल
एक ने ही नहीं
सबने मिलकर
अपनी अपनी
औकात दिखाई है... ✍️-
मिजाजे बिन्ते_हव्वा भी
अजीब देखा है,मैने
वो अपने*मुफलिस शौहर से
ऐशो_इशरत का तकाजा करती हैं
और*जरदार शौहर से,उल्फत का तकाजा...
#shamwrites ✍️-