Shambhavi Yadav   (D Raj.)
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Joined 11 April 2019


Joined 11 April 2019
26 OCT 2019 AT 10:57

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26 OCT 2019 AT 10:54

If you like poems written by me, then follow this id and read other shayari written by me .. I created this id on forgetting the password of old id. So I am closing this id. So to read the poems written by me, please follow this id. Which is in the picture above..

Thanks for ur love...

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2 SEP 2019 AT 13:47

वो ताबीर भी है
और दरकार भी
बारिश की तरह
मेरा पहला प्यार भी
उम्मीद भी मेरी
और खुल्द का उजाला भी
गम के वक़्त में मेरी मधुशाला भी ....

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27 AUG 2019 AT 19:43

बस थम जाए ये पल और हांथो में हाथ हो

ये दिन यही यही रुक जाए बस आँखों में बात हो

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25 AUG 2019 AT 0:50

जो बिना जिक्र के ख्वाब में आये वो ख़यालात हो तुम
बिन पढ़े भी याद आये ,मेरी खुली किताब हो तुम
करवटों में हैं यादें जिसकी -वो एहसास हो तुम
जो पानी से भी ना बुझ ना पाये
ऐसी अधूरी प्यास हो तुम....

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25 AUG 2019 AT 0:37

अच्छा किया की तुमने उसे फिर वापस नही बुलाया
चलो,किसी से तो इश्क़ है उसे जिसे उसने अपना बनाया...

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22 AUG 2019 AT 8:49

When someone ask to my friend
What are u doing in weekend
My Friend--

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22 AUG 2019 AT 8:30

एक बार फिर से इस दिल को तुम्हारा इंतज़ार है

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22 AUG 2019 AT 8:19

जब भी हटाती है जुल्फों को कानो के पीछे बवाल कर जाती है
झुमकों से ही ना जाने कितने दिलों पे सवाल कर जाती है
उसके कानों की बाली रातोँ की नीदें हराम कर जाती है

कमबख्त ,,खुदा जाने क्या बला है

एक झुमके से कितने शहर का क़त्ल सरेआम कर जाती है ....

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18 AUG 2019 AT 0:34

यह ख़त है उनके नाम जिनका दिल कभी हमारा था --
गुजरती थी रात उनकी
गुजरती थी रात उनकी पर उन रातों पर पहरा हमारा था
वो जो हमारी बचकानियों पे भी कभी गौर फ़रमाया करते थे
जनाब ,
अब तो वो मुद्दों वाली बातोँ पे भी गौर नही करते
वो जो अकसर हमारी हुस्न की तारीफ़ किया करते थे
अब तो अगर सामने हो हम तो नजरें फेर लिया करते है

मुझे आज भी वो अल्फ़ाज़ याद है हमारी पहली मोह्हबत के
भले आज वो हमे भूल गए इसमें हमारा क्या कसूर?
वो जो डरते थे कभी हमको खोने से
आज खोये है हम कहीं और उन्हें भनक तक नही है

ये खता है हमारी की हम इबादत करने लगे
खुदा तो मन्दिर और मस्जिदों में थे ये हम भूल जाया करते थे
वो जो मेरी गुस्ताखियाँ पल भर में भूल जाया करते थे
ना जाने क्यों वो वर्षों पुरानी गलतियों को भी बार बार दोहराता है
वह जो हमारी गलतियों का बोझ भी अपने सर ले लिया करते थे
अब ,अब अपनी भी गलतियां हम पर थोप दिया करते हैं
वो जो अक्सर कहते थे तुम्हे कभी छोर कर नही जाएंगे
अब छोटी- छोटी गुश्ताखियों पे भी मुँह फेर जाया करते हैं....



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