Paani me pathhar fek kar machhaliyo ko sukoon dete hain
Kehte hain mohabbat hai ...aur nafrat bharpoor dete hain
Andaaz inka kuch alag hai janab
Aag me ghee dal kar ...maachis ka kasoor dete hain
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इश्क को गले लगा लिया है,
कहते हैं जन्नत को पा लिया है।
अब भला क्या ख्वाहिश होगी हमारी,
जैसी चाहिए थी दुनिया सजा लिया है।-
अब कुछ हो तो मोहब्बत हो
ना हो तो हम ना हो।।
बस मान लिया जो है वो हैं
वो हैं तो कभी ग़म ना हो।।
क्या कहा! एक पल की भी दूरी हो उनसे? ना ना..
हम पर अब ये सितम ना हो।।
❤️-
कल आए थे कल जाना है इस बीच एक फसाना है।
खुशियां यहाँ टिकती नहीं घुट घुट कर पल बिताना है।
लो जी! इसमे बड़ी बात क्या है दुखों से तो रिश्ता पुराना है।
थक गए खुद की कमियाँ गिन कर थकता नहीं ये ज़माना है।
सोचते हैं क्या वो भी साथ जाएगा ये जो दर्द का खजाना है।-
Ye lehar jo samundar se chal kar mere pairo tak chala aaya hai
Puchho isse kya sachme zamee ne khud ko asman se milaya hai....
Kyu mohabbat mohabbat krte ho! kaisa nasha tumpe chhaya hai!
Jo haare hai ishq me, puchna kabhi unhone kya paya hai...
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बैठ कर किस्मत को आजमाते है।
भगवान से नाराजगी जताते है।।
आती है जब कर्म करने की बारी
छुप कर कोने को भाग जाते हैं।।
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लोगों ने सपना सजाना छोड़ दिया है,
ख्यालो मे किसी को लाना छोड़ दिया है।
कहते हैं इस ज़माने में सच्ची मोहब्बत नहीं मिलती
जिन्होंने की है, उन्होंने बताना छोड़ दिया है। 💔-
आँखें ना मिलाए तो नजरअंदाजगी समझिए
आँखें मिलाकर ना मुस्कुराये तो नाराज़गी समझिए-
उसका नाम किसी और के नाम से जुड़ता जा रहा था
मेरी डायरी में लिखा उसके नाम का हर पन्ना धीरे धीरे उड़ता जा रहा था
मैं उससे मिलने की कोशिश करती रही
वो हर बार मुझे सामने देखकर मुड़ता जा रहा था...-
सपना हमारा अधूरा रह गया तुमने उसे आगे बुना क्यों नहीं
आवाज दी मैंने तुम्हें इतनी मगर ये बताओ तुमने सुना क्यों नहीं
हाँ माना मैं काबिल नहीं तुम्हारे
पर मेरे बाद तुमने किसी और को चुना क्यों नहीं-