Shama Afrin   (Shama Afrin)
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I am in search of those words which can mirror my feelings completely
Joined 1 July 2018


I am in search of those words which can mirror my feelings completely
Joined 1 July 2018
25 FEB 2023 AT 17:12

Falling in love is like,
Plucking a rose from a beautiful garden

But staying in love is like,
Sowing a seed and waiting for it to bloom

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24 JAN 2023 AT 14:20

कुछ अधूरी सी कहानियाँ
पूरी होने की चाहत करती है
कुछ लड़कपन की नादानियाँ
समझदारी की हिमाकत करती है,
टूटना-बिखरना खुद को समेटना
उल्झी जिंदगी के धागों को उंगलियों पर लपेटना,
धागों की धार से जब ये उंगलियाँ कटती है
आंखों से आंसू, जख्मों से लहू की धार बहती है,
लहू की उन बूंदों से नयी कहानी रची जाती है
जिसको लहू और अश्कों की जुबानी कही जाती है,
एक एसी कहानी जिसमें किरदारों की नहीं, रब की मंजूरी होती है
जो खुद में अधुरी होकर भी मुकम्मल से ज्यादा पूरी होती है|

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24 JAN 2023 AT 13:35

Is it worth it?

Will this make me happy?

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22 JAN 2023 AT 17:17

अंधेरे में वो चाँद जग को जगमगाता है
और
हमारी जिंदगी खूबसूरत है क्योंकि
वो सिर्फ मुझे देख कर यूँ मुस्कुराता है

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12 JAN 2023 AT 16:09

दिलों में दर्द का सैलाब छुपा रखते हैं
जिसकी छलकन आंखों से तो दिख जाती है
पर लबों पर मुस्कुराहट का बांध सजा रखते हैं

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9 JAN 2023 AT 16:08

प्यार से दोस्ती तक का सफर
ना उसे था होश ना हमें थी खबर|
बातें मुलाकातें वो किस्से सुनाना
छुप-छुप कर देखना वो नज़रें चुराना|
खुद को मनाना के चलो इज़हार करते है
फिर उनको समझाना कि तुमसे ही तो प्यार करते है|

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1 JAN 2023 AT 17:57

एक तरफ, नये साल की खुशी में लोगों ने जला दिये पटाखे हजारों के
दूजी तरफ, औलाद की ख्वाहिशों के लिए बाप लगाता रहा चक्कर बाज़ारों के
घिस गयी उसकी एड़ियाँ मेंहगाई की मार से
आज भी कुछ ना ला पाया एक बाप अपने बच्चों के लिए बाजार से

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21 DEC 2022 AT 18:41

हमारी जिंदगी पिंजरे में बंद पक्षी की तरह है
जिसे उड़ने की चाहत भी है
और
पिंजरे से मोहब्बत भी है

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2 NOV 2022 AT 23:29

I tried,
I cried but still I tried
But,
I am going to put myself to sleep now,
For a bit longer than usual...but I don't know how,
You can call it for Eternity,
Where no love and no emotions can affect me in that painless city.

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27 SEP 2022 AT 20:24

तेरे हाथों ने थामा जब मेरा हाथ हो
जैसे तप्ती दोपहरी में राहत की बरसात हो
जैसे चांद की चांदनी से रौशन अंधेरी रात हो
जैसे समुद्र की लहरों से किनारे पर रेत की मुलाकात हो
जैसे लबों की खामोशी पर नजरों से दिल की बात हो
जैसे गमों के आगोश मे खुशियों की सौगात हो
हम तुम जब साथ हों
तेरे हाथों ने थामा जब मेरा हाथ हो

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