ये क्या हो गया मुझे मैं ऐसी तो नहीं थी ।
इतना हारा हुआ मैंने कभी महसूस नहीं किया अपनी जिंदगी में । इतनी पिछे क्यों रह गई हूं मैं....
सारा क्यों छुटता जा रहा है । ये छोटी छोटी बातों पे मेरा रोना इतना क्यों बढ़ता जा रहा है...…
मैं खुद को सम्हालना चाहती हूं , पर नहीं हो रहा है मुझसे । मैं थक चुकी हूं अपने आप से ।
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