आज मैंने राखी से सजाईअपने भाई की कलाई ,पर गिफ्ट मिलने के बाद ही खिलाई थी मिठाई । ऐसी शरारतें रोज होती हैं रिश्ता ही कुछ ऐसा है ,कभी गरज तो कभी बरस देता है भाई मेरा सावन जैसा है । राखी की शकल में ताबीज़ है कहलो ,टूटने से पहले अपने से ना खोलो । -
आज मैंने राखी से सजाईअपने भाई की कलाई ,पर गिफ्ट मिलने के बाद ही खिलाई थी मिठाई । ऐसी शरारतें रोज होती हैं रिश्ता ही कुछ ऐसा है ,कभी गरज तो कभी बरस देता है भाई मेरा सावन जैसा है । राखी की शकल में ताबीज़ है कहलो ,टूटने से पहले अपने से ना खोलो ।
-
केवल देखना नहीं होता समझना पड़ता है महसूस करना पड़ता है तब जाके मालूम होगा की अकेलापन क्या होता है।तुम अकेला अकेले नहीं हो चंदा मैं हर रोज तुम्हें महसूस कर रही हूं !! -
केवल देखना नहीं होता समझना पड़ता है महसूस करना पड़ता है तब जाके मालूम होगा की अकेलापन क्या होता है।तुम अकेला अकेले नहीं हो चंदा मैं हर रोज तुम्हें महसूस कर रही हूं !!
Mai.. -
Mai..
Mai -
Mai
धागे से जोड़ दी है मैंने मेरी पतंग को ,इन्हें उड़ना आता है केवलकाटो नहीं, हवा में छोड़ दो ।निरंतर आगे बढ़ रहीआकाश से बातें कर रही ,है अकेली व्योम की बाहों में मगरनहीं किसी से दर रही ।मेरी पतंग किसी से लड़ती नहींना ही किसी से उलझती है ,वो बस हवाएं चूम करमेरे पास आ जाती ,और लोग समझते हैमुझे पतंगबाज़ी नहीं आती । -
धागे से जोड़ दी है मैंने मेरी पतंग को ,इन्हें उड़ना आता है केवलकाटो नहीं, हवा में छोड़ दो ।निरंतर आगे बढ़ रहीआकाश से बातें कर रही ,है अकेली व्योम की बाहों में मगरनहीं किसी से दर रही ।मेरी पतंग किसी से लड़ती नहींना ही किसी से उलझती है ,वो बस हवाएं चूम करमेरे पास आ जाती ,और लोग समझते हैमुझे पतंगबाज़ी नहीं आती ।
Main -
Main
Bhai -
Bhai