Shalini   (Shalini)
5 Followers · 1 Following

Sharing feelings through writing without wanting to get judged...
Joined 21 July 2020


Sharing feelings through writing without wanting to get judged...
Joined 21 July 2020
24 JUL 2023 AT 22:07

मणिपुर की पुण्यभूमि कर रही चीत्कार..
नग्न अर्धनग्न ललनाएं बिलख रही,
माताएं बहनें कन्याएं कह रहीं,
है कोई कृष्ण जो साड़ी सके संवार।?
पतियों, भाइयों, पुत्रों के सामने,
लूट रही अस्मिता क्या किया राम ने!?
दरिंदों के सामने रो रही ज़ार ज़ार,
मणिपुर की पुण्य भूमि कर रही चीत्कार ..
अग्नि का तांडव जैसे जल रही लंका,
आतताइयों का मानो जैसे बज रहा डंका,
शासन प्रशासन ने डाले हथियार,
मणिपुर की पुण्यभूमि कर रही चीत्कार ..
विवश मुख्यमंत्री, मोदी जी हैं मौन,
बोलो इन पीड़ितों की व्यथा सुने कौन!?
और क्या चाहिए डबल इंजन सरकार !!
मणिपुर की पुण्यभूमि कर रही चीत्कार..
मणिपुर के भी प्रधानमंत्री है आप,
सतत्तर दिनों से क्यों ना हुआ संताप!!
कौन सा बदला ले रही सरकार,
मणिपुर की पुण्यभूमि कर रही चीत्कार ..
डेढ़ सौ बलि चढ़ गई क्या और चाहिए!?
जल गए हजारों घर द्वार ज़रा देख जाइए,
ऐसा नज़ारा कहां मिलेगा बार-बार!!
मणिपुर की पुण्यभूमि कर रही चीत्कार।।

-


31 AUG 2020 AT 13:25

एक बार में एक ही काम आता है मुझे,
या तो साँसें लूँ या तुझे याद करूँ...

-


15 AUG 2020 AT 18:48

बहुत हुई चाय पे चर्चा,बहुत हुई अब मन की बात
आओ अपने लोगों में और सुनो ज़रा जन गण की बात..
क्यूँ कर रहे किसान ख़ुदकुशी, क्यूँ मज़दूर कर रहा प्रवास,
सुनो ज़रा उन्हीं के मन की उन्हें बहुत है तुमसे आस..
क्यूँ बढ़ रही है महँगाई और क्यूँ बढ़ रहे तेल के दाम,
क्या इलाज है संभव इसका ऐसे चलेगा कैसे काम..
महिलाओं के शोषण में कोई कमी क्यूँ नहीं आती,
क्या दृष्टि तुम्हारी इन अबला महिलाओं पे नहीं जाती..
बेरोज़गारी अत्याचार बहुत हुआ दलितों पे वार,
क्या कोई किरण है आशा की, क्या तुम कर पाओगे उद्धार..
चुना गया बहुमत से तुमको,अब रोड़े कौन है अटकाता,
जो करना कुछ भी चाहोगे फ़िर रोक कहाँ कोई पाता..
कुछ कर दिखलाओ ऐसा के हो नाज़ हमें भी तुम पर,
बदले देश की दशा दिशा और जायें हम प्रगति पथ पर।।

-


14 AUG 2020 AT 23:18

ये जो हालत है मेरे देश की कौन इसका ज़िम्मेदार है
क्या मैं क्यों कि मैंने चुनी ये सरकार है,
चुनी तो थी अपनी तरक्की के लिए,
पर इसने तो मेरी हस्ती पे ही सवाल खड़े कर दिए।
क्या खाऊं क्या पहनूँ किसे चाहूँ क्या तुम मुझे बतलाओगे
जो न सुनूँ तुम्हारी तो तुम भीड़ बन मुझ पर चढ़ जाओगे
कर दोगे क़त्ल मेरा क्यों की आवाज़ उठाना गुनाह है
क्या उसी पर चलूँ तुमने चुनी जो राह है
जो है हक़ मेरा मैं छीन कर लूँगा
आज़ादी अधिकार है मेरा किसी क़ीमत पर नहीं दूँगा।।

-


13 AUG 2020 AT 23:58

मासूम से दिल की तमन्नाएं बहुत हैं,
ख़ामोशियों ने दी तुझे सदायें बहुत हैं।
कुछ सुनी कुछ अनसुनी रह गई,
तेरे लिए माँगी दुआएँ बहुत हैं।।

-


12 AUG 2020 AT 23:42

सितारों को ओढ़कर काली रातों में सो जाया करते हैं,वो बंजारे हैं हर मोड़ पर दिख जाया करते हैं।
वो ग़रीब हैं उनकी ज़रूरतें भी थोड़ी हैं,मेहनत कर के उन्होंने पाई पाई जोड़ी है।
बेटे को चप्पल दिलानी है तो बेटी को ओढ़नी,बिकते नहीं अब मिट्टी के हाथी, घोड़े, मोरनी।
चाहते तो हैं वो भी एक जगह पर ठहरना,पर क़िस्मत में है उनकी इधर उधर भटकना।
बेघर हैं वो उनके घर नहीं हैं,एक जगह टिकने का सबर नहीं है।
झोला उठा कर फ़िर चलने को तैयार हैं,पर सुक़ून है कि साथ में परिवार है।।

-


11 AUG 2020 AT 23:42


*अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है*
*ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है*

*लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में*
*यहां पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है*

*मैं जानता हूं के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन,*
*हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है*

*हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है*
*हमारे मुंह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है*

*जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे*
*किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है*

*सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में*
*किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है*

-------------------------------------------------
राहत इंदौरी साहब के दुःखद निधन पर उन्हें शत्-शत् नमन विनम्र श्रृद्धांजली,,🙏*

-


10 AUG 2020 AT 22:40

क्या ग़ल्ती थी उसकी क्या था उसका अपराध
जो सुनी न तूने उसकी आवाज़
कितना चीखी वो और कितना चिल्लाई
तुझे दी होगी उसने न जाने कितनी दुहाई
आख़िर क्यूँ किया तूने उसे अनसुना
क्या नहीं थी कोई तेरी बहन,
या नहीं था तू किसी का भाई!?
क्या नशा कोई तुझपे तारी था
या उससे हुआ कोई गुनाह भारी था!
क्यों बन गया तू शैतान
क्यों नहीं रही तुझे ग़लत सही की पहचान
आख़िर क्या हक़ था तुझे,
उसे छूने का,उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़..
जो पाप किया तूने, क्या है कोई उसका पश्चाताप??
क्यों भुगते वो तेरे किये की सज़ा
तू नामर्द है ये तूने जता दिया ..
तूने सीखा ही नहीं कि छूना है मना
फूल हो या शरीर इजाज़त लिए बिना।।

-


9 AUG 2020 AT 22:33

इश्क़ तो किया पर निभा न सके,
दूरियां इतनी बढ़ीं कि पास आ न सके..
क़समें तो ढेर खाईं साथ जीने मरने की,
पर छोड़ जाने की अपनी आदत से तुम बाज़ आ न सके..
जाने क्यों फ़िर भी तेरा एतबार किया,
ख़ुद से ज़्यादा क्यों तुझे प्यार किया..
हक़ीक़त तो पता थी मुझे,
फ़िर भी दिल ने मानने से इनक़ार किया..
सोचा वक़्त के साथ कुछ बदला होगा तू,
पर तूने फ़िर एक बार बेज़ार किया..
मैं तो वही हूँ जो हुआ करती थी,
जिसने तुझे प्यार बेशुमार किया..
क़ाश की मेरे जाने से पहले समझ पाता तू,
कि ज़िंदगी के आख़िरी लम्हों में भी मैंने तेरा ही इंतज़ार किया।।।

-


8 AUG 2020 AT 21:44

तेरे क़दमों के निशान आज भी हैं
मेरे दिल में...
जब तू आई थी पहली बार,मेरी हो के रह गयी थी तू,या यूँ कहूँ के तेरा हो के रह गया था मैं..,
वक़्त के साथ कुछ धुंधले पड़ गए हैं ये निशान,पर आज भी जब अपना दिल टटोलता हूँ महसूस करता हूँ तेरे क़दमों के निशानों को ।।

-


Fetching Shalini Quotes