एक सुकुन ऐ शाम बितानी थी।
गऱ जो तेरे बाहों का सहारा मिल जाता।।-
मैं तुझे तब और याद आऊंगी जब तुम हमें भुलाना चाहोगे ❤️... read more
जब देश हमारा आजाद हुआ था ,
कितने सपूतो ने बलिदान दिया था ,
माताओं की ममता गयी ,
बहनों ने भाई खोया था ,
कितनी सुहागन हुई थी अभागन,
हर इंसान का सपना चकनाचूर हुआ था ,
तब जाकर हमारा देश आजाद हुआ था !!
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जो ज़ख़्म तुमने दिया ,
वो काश मैं भर पाती ,
तेरे खोने का दर्द ,
मैं तुझे बता पाती ,
काश की मेरी कमी ,
कभी तुझे भी सताती ,
काश की मैं अपनी तड़प ,
तुझे कभी समझा पाती।-
ज़ख़्म जो तूने दिए ,
वो कभी न भर पाएगा ,
मिटा दिया तूने हमें ,
बेरहम इस जहां से ,
सिर्फ़ एक चाहा तुझे ,
इस पूरी कायनात में ,
जिस्म में अब रुह न रहा ,
वो भी चीखता रहा ,
तेरे इस वारदात से।।-
घायल हसरतें ज़िन्दगी भर कराहती है ,
न कोई दवा न कोई दुआ काम आती है ।।
तरसती रहती हर वक्त वो मौत को ,
फ़िर भी ऐ ज़ालिम मौत बहुत भाव खाती है।।-
एक पल तेरे बग़ैर रह नहीं पाती हूं मेरे रहवर ,
तु जो दूर हो जाया करता है बेवजह,
ख़ुद में हीं ख़ुद मर जाती हूं मैं वो बेखबर।।-
एक पल का साथ तेरा ।
यूं ज़िन्दगी बदल दी मेरी ।।
मैं- मैं न रही , वो ज़ालिम मेरे।
तुझमें हीं जैसे खोती रही कहीं।।-