आग सा मन होता है।
रोशन मन , गर्म सा अह्सास होता है,
धुआं धुआं सा शहर शहर होता है।।-
लिखती हूँ मन को
लिखती हूँ मन से
लिखती हूँ मन के लिए
आग सा मन होता है।
रोशन मन , गर्म सा अह्सास होता है,
धुआं धुआं सा शहर शहर होता है।।-
जिसका नाम दीपक ,उसका भी बड़ा नाम है
Balcony में बिठा लो , दिये का क्या काम है।
😂😉🤣-
सफ़ाई तुम कर लो,
बर्तन मैने कर दिये,
खाना तुम बना दो,
कपड़े मैने धो दिये।
बात समझ आई हो तो,
अब झगड़ा खत्म करे।
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तेरी आंखें भी रुआंसी है।
चेहरे के रंग भी कुछ फीके है,
रंगो में झलकती मायुसी है।
बता ज़रा, कह दे अब,
कैसी ये उदासी है ।
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