Take a deep breath and hold on to
the steering wheel of the car of your life.
Remember you are the driver and
only you have the control 👸-
हम समझदारों के शहरों मे रहना पसंद नहीं करते
हम समझदारों के शहरों मे रहना पसंद नहीं करते जनाब
बेवकूफ बनकर ही समुंदर की शुरुआत ढूंढते ढूंढते
हम समुंदर को ही लांघ जातें हैं-
Somewhere i stuck
In the darkness of confusion
While understanding the mysterious creatures around me
-
हमने बेइंतेहा मोहबत की
उन्होंने बडे प्यार से ज़हर दिया
हमे तो मोहबत की लत लगी है साहब
हमने ये तोहफा भी दिल से कबूल किया-
कदर करते जिनकी या करते हो जिन्हें आप प्यार..
हाल-चाल पूछकर, कर दिया करो उनका कुछ वक्त गुलज़ार..
ताकि कल जब आप उनसे कोशिश करो मिलने कि और वो गुजर जाये
तब रह न जाये कोई अफ़सोस दिल मे मेरे यार..-
जितने इल्ज़ाम लगाने है लगालो मुझ पे
मैं जुबान की लड़ाई से जंग जीता नहीं करती
मुश्कुराती रहती हूँ तो तुम कायर ना समझो,
मैं वो खिलाड़ी हूँ, जो वक्त की तलवार से
तुम्हारी बुनियाद हिला सकती हूँ..!-
ना जाने क्यूँ कल रात वो बुरा ख़्वाब आ गया,
पलक झपकते ही उसका चेहरा नज़रों के सामने आ गया,
भुलाया था जिन यादों की महफ़िल को किसी दिन
आज ना जाने वही महफ़िल का समां हमें फिर से रुला गया
आज भी आते है लाख सवाल टूटे हुए इस दिल मैं
की क्यों उसने मुझे झुठलाया उस प्यार की महफ़िल में
याद करके फिर से सुर्ख आँखों में पानी का सैलाब आ गया
खुशनुमा मेरी ज़िन्दगी का फ़साना उस सैलाब मैं बह गया
हँसी आती है कि हम भी कभी मरीज-ए-इश्क़ हुआ करते थे
कुछ झूठे वादों के खातिर खुद की ज़िन्दगी दाब पर लगा बैठे थे
और तो और एक धोखेबाज सक्सियत को खुदा बना बैठे थे
जानकार भी उसकी हकीकत उसकी सच्चाई लोगो से छिपा बैठे थे
खूबसूरत ये लम्हे आज फिर से उदास हो गए
मानो जैसे चांदनी रात मैं घनघोर काले बदल छा गए
खिलखिला कर हँसने वाला वो चाँद काले बादलों मैं जा छुपा
और हम फिर से आकर उसी दोराहे पर रुक गए
अब से जब भी कोई सख्स फिर से इश्क़ मैं चोट खायेगा
ये ज़माना इश्क़ को फिर बेवफाई का सौदागर कहकर बुलायेगा-
काश मेरा सवेरा ऐसा हो,
जैसे चांदनी देख इठलाता चाँद हो..
लहरें मुझे आकर प्यार से जगाएं,
और हवाएं आकर मुझे गले से लगाये..
पंछियों की मीठी बोली से मेरे
सोये हुए चेहरे पर मुस्कान आये,
सारा जहां सजा हो
जैसे मानो अरसों बाद मेहमान घर हो आये..
सूरज की पहली किरण के साथ खुले मेरी आँखें,
सुकून से गुजरी हो मेरी ख़्वाबों वाली रातें..
एक नयी उम्मीद के साथ निकला फिर से ये दिन,
और फिर से मुश्किलों से लड़कर
मुश्कुराना नहीं छोड़ सकूँ उतना है खुद पर यकीन..-
जो पूरी सिद्दत से अपनी दुश्मनी निभाए
मुझे तो अपने उस दुश्मन से भी प्यार है
जो कड़वी जुबां से सच्चाई बोले
मुझे उस सख्सियत से प्यार है
नफरत की आग मैं जलने वाले
मुझे उस मुखालिफ से प्यार है
धोखा खाकर बने बेरहम दिल
मुझे उस बेरहम दिल हैवान से प्यार है
मुस्कराहट के पीछे लाखों ग़मों को छिपा लेने वाले
मुझे उस फरेबी मुस्कान वाले इंसान से प्यार है
हकीकत जानकर भी लोगों का झूठ बरदास्त करने वाले
मुझे उन झूटे लोगों से भी बेपनाह प्यार है
अपनों की ख़ुशियों की ख़ातिर
ज़माने से लड़ने वाले उस खुदगर्ज इंसान से प्यार है
जिसने खाया हो अपनों और ज़माने के हर इंसान से धोखा
मुझे उस बदनसीब इंसान से प्यार है
लोग जानकर कहते है कि मैं पागल हूँ
तो मैं पागल ही सही
क्योंकि मुझे तो सिर्फ और सिर्फ अपनी इंसानियत से प्यार है-
खुले आसमान का मैं एक नादान परिंदा
आज़ादी की साँसे ले हुआ मैं अब फिर से जिंदा
सैकड़ो सपनों को समेट मैं चला उड़ान भरने
एक उम्मीद के साथ अपनी मंज़िल को छूने
मुश्किलें आती रहीं मगर मैं फिर भी बढ़ता ही गया
सवालों को चीरते हुए सच से वाकिफ मैं होता ही गया
नयी-नयी दुनिया के नयी-नयी कश्तियों से होकर मैं गुजरा
कभी हार से मुस्कुराया तो कभी बेरहमी से बिखरा
फरेबी के इस दुनिया में चंद सच्चे साथी मिले
उदासी भरे गुलशन मैं थे खुशियों के फूल खिले
कुछ उन्ही हसीं यादों से खुद की कहानी लिखता गया
ठोकरे खाकर भी मैं निरंतर आगे बढ़ता ही रहा
नजदीकियां बढ़ती रही मंजिल को पाने की और
धीमें-धीमें सुनने लगा हूँ अब वो जीत का शोर
दूर होने लग गया मेरा मुश्किल से भरा वो दौर
शायद अब बदलने लगा है मेरी ज़िन्दगी का मौड़-