काश मेरा सवेरा ऐसा हो,
जैसे चांदनी देख इठलाता चाँद हो..
लहरें मुझे आकर प्यार से जगाएं,
और हवाएं आकर मुझे गले से लगाये..
पंछियों की मीठी बोली से मेरे
सोये हुए चेहरे पर मुस्कान आये,
सारा जहां सजा हो
जैसे मानो अरसों बाद मेहमान घर हो आये..
सूरज की पहली किरण के साथ खुले मेरी आँखें,
सुकून से गुजरी हो मेरी ख़्वाबों वाली रातें..
एक नयी उम्मीद के साथ निकला फिर से ये दिन,
और फिर से मुश्किलों से लड़कर
मुश्कुराना नहीं छोड़ सकूँ उतना है खुद पर यकीन..
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