Shaktivesh Verma   (~$haktivesh~)
17 Followers · 1 Following

read more
Joined 19 April 2019


read more
Joined 19 April 2019
12 MAY 2022 AT 10:55

शिकायतों की भी इज़्ज़त है
हर किसी से नहीं की जाती ।

-


16 FEB 2022 AT 14:09

जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तड़पाते हैं अक्सर सीने से लगाने वाले।— % &

-


29 JAN 2022 AT 13:45

।। ढूंढना ही है तो परवाह करने वाला ढूंढिये साहब,
इस्तेमाल करने वाला तो ख़ुद ही आपको ढूंढ लेगा ।।
— % &

-


2 SEP 2020 AT 22:48

ज़रा सा पैर जो फिसला
इल्ज़ाम उसी चप्पल पर लगाया सबने

महिनो तपती ज़मीन और कांटो से बचाया जिसने......!!

-


19 JAN 2022 AT 0:15

Be the love you crave for yourself

-


1 JAN 2022 AT 23:01

यूँ तो हम ने कई शामें गुज़रती देखी थीं ,
कल की शाम ने तो साल ही बदल दिया ।

-


30 OCT 2021 AT 23:49

अजनबी चाहतों के इस शहर में
कुछ अरमान जागे हैं पहचाने से
लम्हा लम्हा महका है वक़्त का मेरे
बेसबब तेरे यूंही मिल जाने से।
चिराग उम्मीदों के बेखौफ अब जल रहे हैं
नाकाम रही ये हवा जिन्हें बुझाने में।।
ज़िन्दगी जो ये ठहरी थी कभी
चल पड़ी है फिर तेरे आने से !

-


4 OCT 2021 AT 1:08

"हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह तो कभी शाम याद आता हैं,
जब सोचते है करले दुबरा मुहब्बत,
फिर पहली मुहब्बत का अंजाम याद आता हैं।"

-


2 OCT 2021 AT 19:32

"मुक्कमल कहाँ हुई,जिन्दगी किसी की,
"आदमी कुछ खोता ही रहा, कुछ पाने के लिए"

-


26 MAY 2021 AT 0:11

ज़िन्दगी ज़िन्दगी थी तेरे होने से,डरता था मैं तब भी तुझे खोने से, तुम्ही तो बसे थे इन आंखों में,परहेज़ यूंही न किया रोने से ,तेरे चेहरे पर छलका जो इक रोज़ वाबस्ता अब भी उस इकरार से हूं, आज भी तेरे इंतज़ार में हूं हां, मैं अब भी प्यार में हूं हां, मैं अब भी प्यार में हूं

-


Fetching Shaktivesh Verma Quotes