दिल किसी और के यादों में खोता ही नही
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बनकर सहारा ज़ीने का
साया बनकर साथ चलती है
लौटें ना जो वक्त दोबारा
बनकर परछाई उसकी
दिल में एक याद पलती है-
नाम -ए- मोहब्बत पर मिट जाती है हस्तियां
हक़ीक़त में मोहब्बत तो खुद एक धोखा है-
तेरी बेरुखी हमें मार डालेंगी
बेवजह ये ख़ामोशी मार डालेंगी
अगर है ख़फ़ा तो खता भी बता दो मेरी
तेरे बगैर जिंदगी हमें मार डालेंगी
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तितली सी रंगीन जिंदगी
फ़र्ज़ और कर्ज में उलझकर
ख्वाहिशों के समंदर में
गोता खाते खाते बेरंग सी हो गई-
अक्सर तनहाईयों में खुद से मुलाकात होती है
खुदसे ही खुद के खैरियत की बात होती है-
लेकरं हाथों में हाथ तेरा जिंदगी भर का सहारा मांगते हैं
इश्क की दरियां में उतरे हैं समंदर से हैं किनारा मांगते हैं-
अगर है मोहब्बत तो साबित तो कर
छोड़कर हुस्न की झूठी तारीफें
रुह से रुह को हासिल तो कर
मुरझा जाता है हुस्न एक
वक्त गुजरने के बाद
बुझ जाती है प्यास जिस्म की
इम्तेहान से गुजरने के बाद
साथ रहती है एक मोहब्बत ही
एक उम्र ढलने को बाद
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