कफन के कपड़ो में ये, कैसा सुकून है,
जो भी ओढ़ता है चैन से सो जाता है-
Mujhe Koi Yad Kare ga kyun?
Koi Meri baat Kayun suna ga
Koi mera sath kayun Chala ga
Mai Ak Pal Hun
MUJHA Koi yad Kayun Kara ga??-
यहाँ गर्म से गर्म लोहा भी टूट जाता है
कई झूठे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है-
पत्थर की है ये दुनिया
जज्बात नहीं समझती
दिल में किसी के क्या है
कोई बात नहीं समझती
तनहा तो चाँद भी है
सितारों के बीच में
लेकिन चाँद का दर्द
ये रात नहीं समझता है...
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सब किताबे है गलत सारे अदब झूठे है!
एक झूठे को ये लगता है के सब झूठे है!
उसकी आवाज़ के जादू मै घिरे है वरना
उसकी आखे तो बताती है के लब झूठे है!-
khuddar mere shehr ka faaqon se mar gaya
rashan jo aa raha tha wo afsar ke ghar gaya
chadti rahi mazaar pe chadar to be-shumar
bahar jo ek faqeer tha sardi se mar gaya
roti ameer e shehr ke kutton ne chheen li
faqa ghareeb e shehr ke bachchon mein bat gaya
chehra bata raha tha ki mara hai bhookh ne
haakim ne keh diya ki kuch kha ke mar gaya-
मौका सबको मिलता है,
वक़्त सबका आता है,
कोई चाल चल जाता है,
कोई बर्दास्त कर जाता है..!!-
Pardah Ankhon Se Hatane Me
Bohat Deer Lagi
Hame Duniya Nazar Aane Me
Bohat Deer Lagi
Nazar Aata Hai Jo
Waisa Nahi Hota Koi
Khud Ko Ye Baat Batane Me
Bohat Deer Lagi
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बात दिन की नहीं है
अब रात से डर लगता है
घर है कच्चा मेरा
बरसात से डर लगता है
प्यार को छोड़कर
तुम कोई और बात करो
अब मुझे प्यार की
हर बात से डर लगता है-