आँसू
आँसू सुनते ही लगता है दुख है,
जो चोट लगने पे, किसी को रोता देखने पे,
किसी से बहुत दिन बाद मिलने पे,
और तो और ख़ुशी में भी आते हैं
आँख में कुछ चला गया तब भी आते हैं,
आँसू तो अब नकली भी आते है
आँसू भी कभी भी आ जाते हैं
आँसू समझे तो लगता है भावनाएं हैं,
जो इतनी गहरी है कि बह जाती है
आँसू वो है, जो शब्द नहीं कर पाते,
वो उसे संभव कर देते हैं
आँसू तो आते जाते रहना चाहिए,
आये तो रुकना नहीं रो लेना चाहिए
आँसू तो आते जानवर को भी है
हमें भी वही इंसान बनाते हैं
आँसू है तो ख़ुशी और गम है
ख़ुशी और गम ही तो जिंदगी है
हंसते रहिए आँसू बहाते रहिए
-
Life lessons to bahut logo se mil jayege,
life ko behtar karne ke liye koi lessons nahi,
tumhare thoughts kaam aayege,
Dusro se sunkar bhi acha lagege,
do min baad sb bhul jaoge,
saath bethna khud ke saath,
do min ki baatein jazbaat badal jayege,
jo life ke lessons tumhe khud se milege,
woh kahi aur nahi mil payege-
रिश्ते इतने उलझ जाते है की, बिल्कुल बदल जाते हैं
जो साथ चलते थे कभी, वो इतने दूर हो जाते है
जिनसे घंटो बातें करते थे, उनकी बस बातें रह जाती है
जो दुर होके भी पास थे, वो पास होके भी दूर हो जाते है
रिश्ते इतने उलझ जाते है की, इतने फासले ले आते है
जिनके साथ सुख़ और दुःख बाट ते थे, आज उनसे दूर भागते है
जिनसे प्यार करते है अब भी, पर अब उस प्यार को मारते है
जिस मोड पे रिश्ते सुलझा सकते थे, जब उस मोड़ से आगे बढ़ जाते है
रिश्ते इतने उलझ जाते है की वोह बस एक घाव बन जाते है
-
Aao sunau apko ek kahani
Ek thi ladki aur thi uski shaitani
Woh jo hasti rehti thi
Kaam karti rehti thi
Woh thi office me sbki hi pyari
Naam bhale na alg tha
Mizaz sbse alg tha
Sbke notes woh banati
Sbko document woh pakdati
Kaam sbse karati
Sbki galti nikalti
Unke kaam ka tha hissa
Yahi tha unka kissa
Woh office se chali jayegi
Unki presence humesha reh jayegi
Unko Yaad toh rakhegi hi team saari
-
Aaj aur Kal me kya fark hai
Ek tareek ka nahi ek calendar ka nahi
1 tareek toh Har mahine aati hai
1 calendar toh Naya aajata hai
Navvarsh ek khushi hai ek umeed hai
Ek Naya pran hai ek Naya laksya hai
Naya saal ek Naya ehsas hai
Iss saal ki khushi naye me lejate hai
Iss saal ke gum yahi chod chlte hai
Purane saal se seekh aur yaadein le chlte hai
Naye log milege naye saal me
Purane log chalege humare saath me
Logo ko saath lene ki koshish karte hai
Galti apki thi toh hum maaf karte hai
Galti humari thi toh hum maafi mangte hai
Apse choti si koshish ki Asha karte hai
Naya saal hai ek nayi shuruat hai
Bada ho ya chota, Mota ho ya patla
Har kisi ke liye Naya saal ho acha
Hum karte hai yahi icha
Sehat ho achi, kare prayavran ki chinta
Meetha hai, gaana hai, sbko hasana hai
Naye Saal ke liye plan banana hai
Naya saal hai ek Naya ulhaas hai-
नारी पे उंगली तो रामायण में भी उठी थी
कलयुग में भी वही रीत चलती जा रही है
राम का तो सीता पर अटूट विश्वास था
रावण उठा सीता माता को ले गया था
राम ने पुरी लंका का विनाश कर दिया था
राम ने तो प्रजा के फ़र्ज़ के लिए माता की परीक्षा ली थी
राजा बनकर पति के फ़र्ज़ में कुछ चूक कर गए थे
उनकी वजह हम शायद समझ ही नहीं पाए है
राम के रूप में वृंदा के श्राप को हटा तो गए थे
इंसान उनसे क्या सीख लेगा वो समझ न सके थे
राम के जैसी तो आज किसी की जिम्मेदारी नहीं है
स्त्री तो पति के भरोसे आज भी सब छोड़ आती है
जहां पति भरोसा दे, वो प्रमाण मांग बैठता है
रक्षा करने की जिम्मेदारी तो उसकी भी होती है
वो पूरी नहीं करता तो परीक्षा उसकी क्यों नहीं होती?
मानते हो न तुम राम हो न सीता न रावण ही बन सकते
उनके उदहारण देने से पहले उन्हें समझने का प्रत्यन क्यों नहीं करते?
परीक्षा तब ली गई वो सही थी या गलत वो सब अलग अलग जानते होंगे
पर क्या हर बात पे नारी ही परीक्षा दे ये आज के वक़्त में उचित है?-
कभी बवंडर को सामने से नही देखा ,
कभी मौत के बारे में खुल के नही सोचा ।
कभी अपनी दुनिया से ऊँचा नही सोचा ,
कभी दुनिया को इतना लाचार भी तो नही देखा ।
कभी एक छोटी सी गलती को नही सोचा ,
कभी एक बात को इतना बड़े बनता नही देखा ।
कभी कुछ होने पर बहुत कुछ सोचा ,
कभी हर पल एक डर नही देखा ।
कभी मन मे कितना कुछ बनाते हुए देखा ,
कभी इंसान इतना मजबूर होगा ये भी नही सोचा ।
कभी खुद को भगवान मानते हुए देखा ,
कभी भगवान के सामने ऐसे झुकेगा ये नही सोचा ।
कभी एक छोटे से प्रयास को नही देखा ,
कभी घर बैठना भी समझदारी होगी ये भी नही सोचा ।
कभी आपने भी बैठ कर बहुत कुछ सोचा ,
कभी जो अब है आपने उसके बारे में सोचा?
-
कभी पेड़ से टूटते हुए फूल को देखा है,
क्या लगता है उसको भी दर्द होता होगा ?
अपनो से बिछड़ना आसान होता होगा?
पास होकर भी उसके पास न होना ,
उस पेड़ का होकर भी अब उसका न कहना,
अब शायद वो किसी गुलदस्ते में सज गया हो,
या शायद कचरे के डब्बे में जा गिरा हो,
क्या उसे टूटते हुए पता होगा वो कहा जायेगा?
क्या इस बात का डर उसको भी सताएगा ?
या वो नए सफर के लिए खुश होगा?
जितना वो उस पेड़ के प्यार से मुस्कुरा रहा था,
क्या नई जगह भी वैसे ही मुस्कुरा पायेगा?
क्या लगता है उसे भी महसूस होता होगा?
क्या उसे भी महसूस होता है कोई ये भी सोचेगा?
किस फूल की बात हुई क्या आपको समझ आया?
-
ये जिस संसार मे रह रहे है, वहाँ रहना नही चाहते
जी चाहता है कि अपना एक नया संसार बनाते
न समाज से डरते, न समाज के नियम होते
जो चाहते वो करते, जहाँ चाहते वहाँ जाते
न हम दुखी होते, न साथ के लोग दुखी होते
जिस से बात करते उसे ही परेशान न पाते
कैसा होता अगर अलग संसार बना पाते?
ये जिस संसार मे रह रहे है, वहाँ रहना नही चाहते
जी चाहता है कि अपना एक नया संसार बनाते
न इतने छल होते, न इतने धोके होते
जिसे अपना मानते उसे अपना ही पाते
न दिलो में बैर होते, न चेहरे में मुखोटे होते
जिस से चाहते अपने दिल की बात कर पाते
कैसा होता अगर अलग संसार बना पाते?
ये जिस संसार मे रह रहे है, वहाँ रहना नही चाहते
जी चाहता है कि अपना एक नया संसार बनाते
न हिंदू मुस्लिम होते, न धर्म पे फैसले होते
जो परेशानी होती उसे सही से समझ पाते
न अमीर गरीब होते, न लोगो मे फासले होते
इंसान है अगर तो सब बराबर के होते
कैसा होता अगर अलग संसार बना पाते?
-
जिंदगी को खेल खेलने में मजा आ रहा है,
हमें खेल ही समझ नही आ रहा है।
न अपना न अपनो का समझ आ रहा है,
खुद की उलझनों को सुलझाए ,
या लोगों की शिकायतें खत्म करें,
हर कोई तो हमसे नाराज़ बैठा है।
हमे समझ आये या न आये,
जिंदगी एंटरटेनमेंट पूरा करती है।-