भाव सूचियां हैं बहुत , भाव हैं सिर्फ राम ।सारा जगत है छलाव , मर्यादा हैं सिर्फ राम।।अन्धकार हैं बहुत , उजियारा हैं सिर्फ राम ।।सारा जगत है मिथ्या , सत्य हैं सिर्फ राम ।। -
भाव सूचियां हैं बहुत , भाव हैं सिर्फ राम ।सारा जगत है छलाव , मर्यादा हैं सिर्फ राम।।अन्धकार हैं बहुत , उजियारा हैं सिर्फ राम ।।सारा जगत है मिथ्या , सत्य हैं सिर्फ राम ।।
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ख्यालातों के इस चक्रव्यूह में,मेरे सारे ख्याल हो तुम,महाभारत सा है यह जीवन,मेरे लिए माधव का अवतार हो तुम। -
ख्यालातों के इस चक्रव्यूह में,मेरे सारे ख्याल हो तुम,महाभारत सा है यह जीवन,मेरे लिए माधव का अवतार हो तुम।
उसकी बातों में आज भी फिक्र ज़ाहिर है,लेकिन सच छिपाने में वो माहिर है।— % & -
उसकी बातों में आज भी फिक्र ज़ाहिर है,लेकिन सच छिपाने में वो माहिर है।— % &
शिवा की प्रतीक्षा सी मैं शिव का वैराग्य हो आपमुझ से दूर हो कर भी मेरे पास हो आप।— % & -
शिवा की प्रतीक्षा सी मैं शिव का वैराग्य हो आपमुझ से दूर हो कर भी मेरे पास हो आप।— % &
यह देश गुलजार है,इसकी हर अदा में प्यार हैछोटे बड़े सब अपने है,खुली आंखों में सपने हैं— % & -
यह देश गुलजार है,इसकी हर अदा में प्यार हैछोटे बड़े सब अपने है,खुली आंखों में सपने हैं— % &
हाँ यह सच है मैं कटाक्ष करती हूं,अधिकारों से पहले कर्त्तव्यों की बात करती हूं।— % & -
हाँ यह सच है मैं कटाक्ष करती हूं,अधिकारों से पहले कर्त्तव्यों की बात करती हूं।— % &
घोर है घनघोर है उमा के मन का वो चोर है,काल है अकाल है वो महाकाल है।समय की चाल है अपने भक्तों की ढाल है,प्रचंड है अखण्ड है पापियों के लिए दंड है। -
घोर है घनघोर है उमा के मन का वो चोर है,काल है अकाल है वो महाकाल है।समय की चाल है अपने भक्तों की ढाल है,प्रचंड है अखण्ड है पापियों के लिए दंड है।
सांवला रंग गर्म मिजाज़,इस चाय के भी हैं उनके जैसे अंदाज़। -
सांवला रंग गर्म मिजाज़,इस चाय के भी हैं उनके जैसे अंदाज़।
मेरे भोर का पहला ख़्याल हो तुम,मेरे वैराग्य का श्रृंगार हो तुम ।मेरे व्यक्तित्व का आधार हो तुम,शिवा सा हठ है मेरा और मेरे महाकाल हो तुम। -
मेरे भोर का पहला ख़्याल हो तुम,मेरे वैराग्य का श्रृंगार हो तुम ।मेरे व्यक्तित्व का आधार हो तुम,शिवा सा हठ है मेरा और मेरे महाकाल हो तुम।