Shailaja   (PoeticShaila ✍️ Dil Se❣️)
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Kuch ankahe alfaz, kuch ankahe jazbaat
Joined 5 December 2018


Kuch ankahe alfaz, kuch ankahe jazbaat
Joined 5 December 2018
23 FEB AT 14:23

ख़त जो लिखा नहीं

कुछ अल्फ़ाज़ दिल में थे बसे, पर काग़ज़ पे उतर ना पाए,
लब कांपते रहे बार-बार, पर बोलों में ढल ना पाए।

स्याही थी, काग़ज़ था, अरमान भी थे क़ायम,
पर हाथ काँपते रहे, लिख ना सका वो पैग़ाम।

शब्दों में लिपटी वो बेचैनी, ख़ामोशी की स्याही में घुली,
आँखों में बसता था एक सपना, जो पलकों से बाहर ना खुली।

वो शिकवे, वो शिकस्त, वो उम्मीदों का टूटना,
हर लफ़्ज़ में था दर्द बसा, पर जुबां से कह ना सके।

शायद किसी को समझना था, शायद कोई पढ़ता इसे,
शायद यह ख़त कभी पहुँचता, अगर ये लिखा गया होता।

पर अब वो यादें धुंधली हैं, वो बातें भी अधूरी,
वो ख़त जो लिखा नहीं गया, अब रह गई बस मजबूरी।

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9 FEB AT 17:00

Silent Thoughts

In the stillness of the night,
Where shadows blend with fading light,
Silent thoughts begin to creep,
Into the depths where secrets sleep.

No words are spoken, none are heard,
Yet minds converse without a word.
They drift on winds both soft and cold,
Whispering tales, both new and old.

Yet not all silence speaks of peace,
For some are bound, never released.
Silent thoughts can weigh like stone,
In crowded rooms, you feel alone.

But if you listen, truly hear,
The whispers that come close and near,
Silent thoughts, though faint, reveal
The truths we hide, the scars we feel.

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24 SEP 2024 AT 22:43

— एक एहसास, शब्दों में बसा।

कुछ खास लिखूं या काश लिखूं,
दिल की बातें बेआवाज़ लिखूं।
सपनों के रंगों में खो जाऊं,
या तेरी आँखों का अंदाज़ लिखूं।

शब्दों में कैसे बयाँ करूं,
जो दिल में हो वो राज़ लिखूं।
धड़कनों की वो मीठी सरगम,
या चाहतों का साज़ लिखूं।

खामोश लम्हों की धड़कन लिखूं,
खुशियों के पल, या दर्द का एहसास लिखूं।
दुनिया से हटकर अपनी एक कहानी,
या फिर तेरे नाम का हर अल्फाज़ लिखूं।

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14 SEP 2024 AT 22:54

अगर खुद को लिखने का जज़्बा जगा लूं
दिल के हर राज़ को अल्फाजों में सजा लूं

जो छुपा है अंधेरों में उस रोशनी को पा लूं
अपनी कहानी को खुद अपने हाथों से लिख लूं

लम्हे जो बीते, उनको फिर से जी लूं
बेचैनियों को सुकून की चादर में ढक लूं

मैं जो कभी थी, और जो बन गई हूं अब,
उस हर पहलू को खुद में समेट लूं

आगर खुद को लिखने का हक़ मुझे मिले,
हर लफ्ज़ में अपने सपने फिर से बुन लूं

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25 MAR 2024 AT 12:37

रंगों की भरमार है,
खुशियां बेशुमार है।
हर रंग में छुपी है कहानी,
क्या लाल, क्या पीला, क्या नीला आसमानी।
सजती है दुनिया इस खुशबू भीनी भीनी में
और सजे भी क्यों ना, पूरे साल का इंतजार है भाई......
कुछ तो खास है इस दिन की रंगीनी में

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25 MAR 2024 AT 11:51

Holi is all about vibrant hues,
Awakening to a symphony of joyful cues.

The air filled with laughter, the sky with cheer, as colours paint the world bringing everyone near.

As the sun rises on this festive day, all troubles cast away with one say...

HOLI HAI!! HOLI HAI!! HOLI HAI!!!

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30 DEC 2023 AT 8:08

हकीकत में. हकीकत की. हकीकत को अगर देखो
हकीकत में. हकीकत की. हकीकत और ही कुछ है

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20 DEC 2023 AT 10:24

तारीखें बदल जाएंगी
दिन वैसे के वैसे रहेंगे
ज़िंदगी के मसले जैसे थे वैसे रहेंगे
चंद दिनों में क्या बदलेगा
वही सपने वही रास्ते
वही लड़खड़ाते कदम होंगे
वही रोना वही झगड़े
वही गम होंगे
हां हो सकता है के ज़िंदगी के नए सितम होंगे
अगले साल के खत्म होने तक
दिल पे कुछ और जख्म होंगे
फिर नया साल होगा
फिर पुराने हम होंगे

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26 JUL 2022 AT 19:07

कुछ मोहब्बतें ऐसी भी होती हैं
हाथ में हाथ नही होते
पर रूह से रूह जुड़ जाती हैं

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9 APR 2022 AT 11:01

एक बेनाम रिश्ता फिर भी प्यार बेशुमार
उसे ना देखा ना मिली फिर भी रूह में गया उतर
बेगाना है अपना है कौन है वो,
हमसफर हमराज़ हमराही साथी दोस्त साजन
किस रिश्ते से पुकारूं उसे, वो इन सब रिश्तों से है पार
ना हासिल है न जुदा है फिर भी सबसे करीब है
हम पूरे भी हैं ओर अधूरे भी, सब कुछ है हमारे दरमियान,
जुड़े हुए हैं हम बिना किसी शर्त और दायिरे के इस बेनाम रिश्ते में।

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