Shailabh Nandan Sharma   (शैलाभ नंदन शर्मा)
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Joined 16 December 2016


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18 JAN 2019 AT 14:53

The
Accidental
Prime-Minister















The
Influential
Prime-Minister

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18 JAN 2019 AT 9:14

प्रेम सभय को निर्भय बना देता है
उच्छृंखल को तन्मय बना देता है
और प्रेम ही वह अद्भुत वाद्ययंत्र है मित्रों,
जो बिखरी ज़िंदगी को एकलय बना देता है

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16 JAN 2019 AT 18:20

ख़्वाबों के ये टेढ़े-मेढ़े रास्ते , अक़्सर अनजान ही हुआ करते हैं
बस ख़्वाबों में आने वाले , चंद दिनों के मेहमान ही हुआ करते हैं
होती है मालूम हक़ीक़त , फ़िर भी झूठी तसल्ली देते हैं ख़ुद को
अतः सच्चाई जानकर भी , हम झूठ से परेशान ही हुआ करते हैं

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15 JAN 2019 AT 23:51

भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का हवाला देकर , भारत की ही धरती पर , भारत के ही टुकड़े करने की बात करते हैं , भारतीय लोकतंत्र के मंदिर सदृश संसद भवन पर आतंकी हमले के साज़िशकर्त्ता का महिमामंडन करते हैं ...

और जब कोई विरोध करे तो उसको #HyperNationalist और #Intolerant कहते हैं ...

वाह रे नवयुगी उदारवादी (छद्म) क्रांतिकारी 👏👏👏

अग़र तुम नहीं सुधरे तो हम भी ये असहिष्णुता ज़ारी रखेंगे 😎

🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳

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14 JAN 2019 AT 10:34

यदि कोई कंस हो धरती पे तो घनश्याम आएंगे
दमन करने को रावण का , प्रभु श्री राम आएंगे
कभी भी पाप का पलड़ा , यदि होने लगे भारी
नव - अवतार लेकर तब , हरि भू - धाम आएंगे

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11 JAN 2019 AT 11:26

स्वच्छंदता और उच्छृंखलता में यूँ तो महीन सा फ़र्क है ।
पर वास्तविकता में , इस पार स्वर्ग और उस पार नर्क है ।।

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10 JAN 2019 AT 22:49

सर्दी बहुत है मित्रों ..... बचाव ज़रूरी है
इन बर्फ़ीली रातों में ..... अलाव ज़रूरी है
तब भी ठिठुरन कम न हो तो अर्ज़ करता हूँ
महबूब की बाहों का ..... कसाव ज़रूरी है

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9 JAN 2019 AT 18:03

मित्रों , खांग्रेस पार्टी ने छः-सात दशकों तक 'गरीबी हटाओ - गरीबी हटाओ' का नारा देकर ढकोसला किया लेकिन गरीबों और अमीरों के बीच का आर्थिक अंतर हमेशा बढ़ता ही गया ...

आज भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार #नरेंद्र_मोदी सरकार ने हर उस ग़रीब के अधिकारों की बात की है , जो सुविधाओं से वंचित भी है और उसे सरकारी योजनाओं में आरक्षण का लाभ भी नहीं मिला ...

ग़रीबी जाति-धर्म देखकर नहीं आती , इसीलिए सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण का आधार आर्थिक संपन्नता और विपन्नता के अनुसार ही तय होना चाहिए ...

हालाँकि आरक्षण असमानता को मिटाने का सार्वकालिक समाधान नहीं है और आरक्षण का मूल सिद्धांत स्वयं ही प्रतिभा और योग्यता रखने वालों के साथ भेदभाव करता है , किंतु जिस प्रकार से जातिगत आरक्षण व आंदोलनों के सहारे राजनीतिक षड्यंत्र चलाए जा रहे थे , उनको रोकने और जातिवाद एवम जातिगत आरक्षण की कुव्यवस्था से निज़ात पाने की दिशा में वर्तमान परिप्रेक्ष्य के लिए ये एक मज़बूत और सार्थक क़दम है ।

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9 JAN 2019 AT 15:00

टेढ़े - मेढ़े रास्तों पर ... अब चलना आ गया
ठोकर लगी तो हमें ... सँभलना आ गया
क़ामयाबी की तलब में , दुश्वारियों की इनायत हुई
और हमें ख़ुद से ख़ुद को , बदलना आ गया

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4 JAN 2019 AT 13:22

सुनो नादान कन्या तुम , लगाओ मत ज़्यादा बुद्धि
हमने प्राप्त कर रखी , है प्रेमार्थ में सिद्धि
हर शंका भुला के तुम , करो प्रस्ताव को स्वीकार
हमारे प्रेम से होगी , सौंदर्य में अनुपम वृद्धि

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