Shàifàlee Chauhan  
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Joined 22 May 2018


Joined 22 May 2018
4 JAN AT 20:22

बहुत उलझे हुए सवाल....
बिन जवाब है हम तुम....

छोटी सी जिंदगी...
जी ले चलो बिना बवाल के...हुम तुम....

शोर सी जिंदगी....
क्यु खामोश हम तुम...💞

कुछ अलग सी दुनिया की सोच....
फिर क्यू उलझे हम तुम....❤

यहां हर किसी में कमी है....
ना परफेक्ट हम...ना तुम....

जो ना समझ सके उसको इग्नोर करो...
और जी लो जितने भी हैं ये पल....

सोचो उनको के बारे में.....जो समझे तुम्हें हर पल.....
नहीं तो जाने दो कीमतहै तुम्हारे ये पल...😊

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22 NOV 2023 AT 19:45

सब यहीं का है...
यहीं रह जाना है...
फिर क्यू लोगो ने सिर्फ पैसे को ही अपना माना है....
साथ में सिर्फ यादें रह जाती हैं....
पैसे तो सिर्फ जिंदगी जीने का बहाना है....
सिर्फ पैसे से ही क्यों इंसान अपनों से बेगाना है ...
ये पैसा किसी ने अपना संग नहीं ले जाना है ...
जो पल भगवान ने साथ दिया है...
खुश रहने के लिए....
लालच में ऐ इंसान। तूने उसको बस उसको गवाना है....
समझ जाओ अब भी....
पैसे जीने के लिए एक बहाना है....
अपनों का साथ पैसे से कहीं नापा नही जाना है....
अपनों का साथ....सबसे ऊपर आना है...
अगर साथ रहेंगे प्यार से...तो अच्छी यादों ने बन जाना है...
नहीं तो इंसान ने भी चले जाना है...
सब यहीं का है यहीं रह जाना....
कुछ अच्छी यादें दे जाना है..
मन में एक बोझ...ले जाना है या प्यार...
ये उसकी सोच पर निर्भर करना है....

कदर न जानी इंसान की जिसने.....
उसको इस पूरी जिंदगी में सब मिल जाना है....
मगर अपनों का प्यार कहीं नहीं मिल पाना है....
उसको सब कुछ मिल जाएगा
मगर सुकून कभी नहीं मिल पाना है....
जिसने सिर्फ पैसे को अपना माना है....
उसके ऊपर जिसने कुछ ना जाना है....

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20 NOV 2023 AT 20:20

सब यहीं का था सब, यहीं रह जाना!! फिर किस लिए इंसान पैसे का ही दीवाना है!!!
रिश्ते से ज्यादा कीमत जिनको पैसे है !!!वो कहां किसी के प्यार के लायक है!!!
वक़्त बीत जाएगा!!!नफ़रत है मन में जिनके सिर्फ पैसे के लिए
बड़ा अजीब है उसका सब यहीं रह जाना है!!!!

यहां किसी इंसान से ज्यादा कीमत पैसे की है सबको
अरे सब यहाँ का है और यहीं रह जाना है
फिर किस लिए इंसान तू इतना बेगाना है!!!!

किसी के घर की लड़की से!!!तू मांगता है आना है!!!
समझता है खुद को कि दान देना दिखावे का!!!तेरे अच्छे करम का निशाना है!!!!

वो दान किस काम का !!!! जहां अच्छा सोचना नहीं आना है!!!!

अरे दिल दुखा किसी का !!!!
क्या पा लेगा यहाँ !!!!
ये जग बेगाना है !!!!

भगवान के घर में !!!
एक दिन !!!!
सब गलतियों का फैसला तो होना है !!!!

सब यहीं का था सब, यहीं रह जाना!!

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22 AUG 2023 AT 23:35

Family to me is living happily together....
Without any doubts on each other....
With full faith and an undoubtedly relation....

Sath sath hokar agar ho dil se ho door....
Toh door door hokar raho dil k Kareeb....

Or sath rehne se parivaar bnaye nhi jaate...
Parivaaar khud ban jaate h....
Jb soch sath chalne ki hoti h....

Jb pyar bharpoor ho...
Aap pass ho ya door ho...

Soch ki bat h...
Saath hokar saath na Rahe toh...
Phir kya parivaar ki bat h...

Jahan pyar h...vhi Parivaar h...
Jo sukh dukh mei saath h...
Vhi Asli parivaar h...

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12 DEC 2022 AT 17:43

Jindgi mein adjustment bhi tabhi Tak chalta hai....
Jb adjustment....dono traf se ho....
Ek tarfa adjustment se....bhi rishte ki rassi khich k toot hi jaati h.....


# Adjust kre ek level tak

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19 OCT 2022 AT 17:37

Everyday is a challenge...
Every second is a second thought that is not allowing me to have a peaceful night...

Trust is broken or me...
I don't know....

How to handle everything I don't know....
Life is tough....
Life is really rough....

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10 SEP 2022 AT 20:42

Rishton ki koi keemat nahi hoti....
lekin phir bhi vo sbse kimti hote hai....
Magar jinhe sirf apne se matlab ho......
Unhe kha rishton k mol samjh aate hai....

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19 JUN 2022 AT 16:03

जब पैदा हुआ था मैं तो अरमान लिए खड़े थे पापा तुम मेरे लिए सारा जहान लिए खड़े थे जब कदम रखा था ज़मीं पर पहली बारी पकड़ी थीं तब मैंने उँगलियाँ तुम्हारी
गिरता था जब भी मैं तुम आकर उठाते थे मेरे छिले हुए घुटनों पे तुम मरहम लगाते थे जाने कितनी इच्छाओं को मारा होगा मेरी हर जिद लिए एक मुस्कराहट भी न रखी कभी तुमने खुद के लिए मेरी हर चाहत के लिए तुम्हारा ज़िन्दगी से लड़ना याद है मुझे तुम्हारे उन चार जोड़ी कपड़ों का रंग उड़ना याद है मचला जब भी मेरा मन, तुम पूरी दुकान लिए खड़े थे पापा तुम मेरे लिए सारा जहान लिए खड़े थे मेरे पढने पर तुम्हारा जोर देना याद है
मेरी मेहनत पर तुम्हारा गौर देना याद है याद है वो हर त्यौहार जब मुझको नए कपडे दिलाये थे घिरे जब भी बादल मुझ पर, तुम खुला आसमान लिए खड़े थे, पापा तुम मेरे लिए सारा जहान लिए खड़े थे मैं जो भी हूँ आज हूँ तुम्हारी वजह से अब देखता हूँ दुनिया को तुम्हारी जगह से आज समझ में आती हैं वो तुम्हारी खामोशी और संघर्ष
जब मैं भी बूढा होता हूँ समय के साथ प्रति वर्ष
अब समझा हूँ जा कर दुलार तुम्हारा हर चिंता के पीछे छुपा प्यार तुम्हारा गुस्से में तुम्हारी कुर्बानियों को पल भर में भुलाता थाभटका था मैं जब भी तुम मेरी पहचान लिए खड़े थे पापा तुम मेरे लिए सारा जहान लिए खड़े थे

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9 JUN 2022 AT 15:36

Haste hue chere the....
Ladte the...jagdte the....
Par Rishte vo sache the....
Ye baat unn dino ki hai....
Jb hum bacche the....
Hote bhut sacche the....
Duniya dari sikhayi jinhone....
Humpe jindagi lutayi jinhone....
Wah...Kya khood kamayi unhone....
Ki sochte the sahara bnega jise....
Vo kinara karte gye....
Or waqt aya jb kuch krne ka unke....
Vo toh apni dhun mei chalte gye....

Pal bhar mei ek insaan ki jindagi bhar ki kamayi kaise barbaad hoti....
Dekho kaise maa baap jo jindgi bhar apne baccho k liye sochte rahe...
Kaise pal bhar mei unke liye vo unki jindagi ka jaruri hissa bhi nhi....

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9 JUN 2022 AT 15:24

Tinka tinka jodkar vo....
Ghar bnane mei reh gye....
Ek tufaan anjana sa aya.....
Ki Jisne Ghar ko phir se.....
tinko mei baant diya....

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