पर हफीज़ा लानत भेजती हैं
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ɕнєɕк кαя нι ℓιуα нαι тσ ƒσℓℓσω внι кαяℓσ🤭😝 | ωяιтєя ηнι нσ... read more
पता नहीं कौन सा समंदर है
आंखों में मेरी
जो कभी रुकता ही नहीं है
बहता चला जाता हैं-
मेरी हालत पर कोई तो रहम करो
नाम उस बेवफ़ा का लेकर मुझपे दम करो-
तुम्हारी यादें अज़ीयत देती है,
जाने अंजाने हिमाकत करती है।
साथ मयस्सर नहीं मेरा और तुम्हारा,
पर फ़िर भी तुम्हारे साथ की हिकामत करती है।-
अब के जाओ तो लौट के आना नहीं
मासूम दिल है मेरा उसे ऐसे सताना नहीं
बहुत लोग आएंगे जिंदगी में तुम्हारे
भूल के भी कभी मुझे भुलाना नहीं
मालिक उल मौत एक दिन आनी ही हैं
जनाज़े को तुम मेरे यूं उठाना नहीं
दिन भी बदलेगा, रात भी बदलेगी
मेरी यांदों को तुम यूं मिटाना नहीं
गर हो जाए मोहब्बत तुम्हें किसी से
तो मेरी जान उसे किसी से छुपाना नहीं
मोहब्बत में हो जाती है गलतियां भी
पर तुम अपनी मोहब्बत को अपने नज़रों में गिराना नहीं
मैं तो बहुत रोई हूं इंतज़ार में तुम्हारे
हो सके तो अपनी मोहब्बत को कभी रुलाना नहीं
जब भी ज़िक्र होगा तुम्हारी महफिल में मेरा
कुछ न सही बस कह देना उस जैसा मेरा कोई दीवाना नहीं-
सोचती हूं के भुला दू उसको
सारी यादों से मिटा दू उसको
ये जो आग लगी है सीने में
दिल करता है भुझा दू उसको-
बिन सोचे मुलाकात हो जाए
करनी थी तुमसे कुछ बातें
यह पल हमारे लिए खास हो जाए-