सर्वोच्च न्यायालय ने वैश्यावृत्ति को कानुनी तोर पर जाईज़ ठहरा कर उन महिलाओं के साथ खिलवाड़ करा है जो इस वैश्यावृत्ति के दल दल में फसी है उनको यदि सम्मान दिलाना ही था तो वैश्यावृत्ति को प्रतिबंधित करना था और उनको बहतर ज़िंदगी जिने के लिए बहतर अवसर मुहैया कराना थे नाकी उस नर्क जेसी ज़िन्दगी को मान्यता देना थी कोई भी महिला इस घिनोने कार्य को अपनी स्वैच्छिकता से नहीं करना चाहेगी !
सर्वोच्च न्यायालय ने वैश्यावृत्ति को कानुनी तोर पर जाईज़ ठहरा कर उन महिलाओं के साथ खिलवाड़ करा है जो इस वैश्यावृत्ति के दल दल में फसी है उनको को यदि सम्मान दिलाना ही था तो वैश्यावृत्ति को प्रतिबंधित करना था और उनको बहतर ज़िंदगी जिने के लिए अवसर मुहैया कराना थे !
और जन्नत ( सुवर्ग ) वाले दोज़ख़ ( नर्क ) वालों को पुकारेंगे कि हमसे हमारे रब ने जो वादा किया था हमने उसको सच्चा पाया, क्या तुमने भी अपने रब के वादे को सच्चा पाया, वे कहेंगेः हाँ, फिर एक पुकारने वाला दोनों के दरमियान पुकारेगा कि अल्लाह की लानत हो ज़ालिमों पर। कुरआन (7:44)