बाहें खाली ही रहीं इस ईद पर भी मगर हमने,
तेरे शहर की तरफ़ हाथ उठाया और हवा से लिपट गए...-
Jaunpur uttar pradesh
Joined yourquote on 15 February..... read more
रात खुशबू में नहाएगी संवर जाएगी,
अब तेरी याद भी आएगी तो किधर जायेगी,
वो खुश है जो तर्क ए ताल्लुक़ का ज़िक्र होने पर,
कहा करती थी कि गमे हिज्र में मर जायेगी,
वो सादा मिज़ाज लड़की जिसे साजो सिंगार नहीं पसंद,
किसी के खयाल में आने पर निखर जाएगी,
अब के बिछड़े तो शायद इस नाचीज़ की दुनिया,
सांस उखड़ेगी और दुनिया बिखर जाएगी..
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गमों में कांधा नहीं है,दिलासा ही तो है,
उस शख़्स की यादें , असासा ही तो है,
आओ बैठो फुरसत में तो बताएं तुम्हें,
ये ज़िंदगी क्या है तमाशा ही तो है..-
हाय!इतने किरदार निभाने पड़ेगे..
कब सोचा था!
उबरने में हमको ज़माने लगेंगे..
कब सोचा था!
रकीब(प्रतिद्वंदी) तो सारे मेरे सामने ही थे,
रफीक (दोस्त) भी हमको आज़माने लगेंगे,
कब सोचा था,
हमने ताउम्र सभी को दुआएं दीं,सहारा दिया,
हम ही ऐसे ठिकाने लगेंगे,
कब सोचा था..-
दो लोग हैं साथ,साथ में उदासी है,
कुछ कहानियां यूं भी तो अधूरी हैं,
हम दोनों हैं साहिलों पर बैठे हुए हंस,
तालाब एक है पर मुलाकातें अधूरी हैं,
ये जो वक्त कट रहा है यही ज़िंदगी है,
कुछ शामें हैं बोझल सी,कुछ रातें अधूरी हैं..-
दर्द सारे ही बांट लेंगे हम,
उसमें मुस्कान छांट लेंगे हम,
तुम एक झलक मुस्कुरा के देख लो सही,
बस इस एक अदा पर उम्र काट लेंगे हम,
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कई हिस्सों में बांटने लगी हैं मुझे,
उफ्फ ये नींद,ये रातें काटने लगी हैं मुझे,
वो जिनपर चीख पड़ता था मैं तुम्हारी खातिर ,
अब वो खामोशियां डांटने लगी हैं मुझे,
जिन्हें संजो के रखा था ज़ेहन की अलमारी में बड़ी तरतीब से,
वो यादें दीमक की मानिंद चाटने लगी हैं मुझे,
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जिनके दिल नर्म होते हैं उन्हें रोना मयस्सर है,
तेरा शुक्र है मौला कि मेरी आंखों में आंसू हैं...✍️-
हर एक सवाल का जवाब लिखा जाएगा,
अब ताबीर के बाद ख्वाब लिखा जाएगा,
हुक्मरान किस गुमान में है कि हमको मिटा देगा,
अब अपने लहू से इंकलाब लिखा जाएगा...-