दिन को महीनो में बदलते देखा है, महीनों को वर्षो में बदलते देखा है, मैने तेरा अपनी ज़िन्दगी में आना देखा है, मैने तुझे मेरा, मेरे लिए छोड़ कर जाना भी देखा है! जो कभी सोचा न था मैने.... तेरी उन आँखो में मैने उसके लिए बेशुमार मोहब्बत का फ़साना देखा है!
इश्क़ में मिला क्या दिल लगा कर, पछतायी बहुत हूँ चोट खा कर! पता नहीं क्या रोग पाला है, किसी कि यादें दिल में बसा कर! "शाहिदा" उस शख्स से रिश्ता न रखना, जो गुज़र जाता है नज़रे बचा कर! 😊
वक़्त वक़्त की बात है... जो दौर आया है, इस दौर में, न जाने ये वक़्त कितनो के पास है?? जो वक़्त बचा है उसमे खुशिया समेट लो, क्या पता आने वाला जो वक़्त हो.... उस वक़्त में बस जीने की आस हो!!
बेज़ार सी रात में जब हयात पर होती बात उससे, कभी जज्बात तो कभी साझा करती ख्यालात उससे, कुछ इस क़दर मुक्कमल होती जा रही हूँ इश्क़ में, जब नज़र ही नज़र में अक्सर हो जाती मुलाकात उससे।