Shaheda Parveen   (shaadin#शादिन✨)
3.5k Followers · 340 Following

read more
Joined 14 August 2019


read more
Joined 14 August 2019
YESTERDAY AT 20:36

शुक्र है दर्द तो बहुत है,
लेकिन मरहम मेरे पास है।
तन्हाई तो बहुत है,
लेकिन वो मेरी ताक़त है।
दुनिया से अलग तो नहीं हूँ,
लेकिन भीड़ का हिस्सा भी नहीं हूँ।
मेरी दस्तरस में नहीं है कुछ भी,
लेकिन उस रब की रहमत साथ है।

-


3 JUL AT 21:11

कभी तेरे सुख़न को तरसे,
कभी तेरे दीदार को तरसे।
कभी नैन सूखे तेरे इंतेज़ार में,
कभी बिन बात तेरी याद में बरसे।

-


1 JUN AT 20:33

तुम्हारे दीदार के लिए
आँखों की ज़रूरत कहाँ है।
दिल में जो बसता है,
बन्द आँखों से नज़र आता है।

-


12 MAR AT 21:04

ज़ख्म ताज़ा है अभी
हरा है अभी,
के मरहम भी लगाओ,
तो जलने लगे,
ऐसा दुखता है अभी,
शायद भर तो जाएगा,
अगर किसी अपने न दिया होगा।

-


10 MAR AT 12:53

ये जो तुम भूले बैठे हो हमें,
हमें भी भूल जाने की इजाज़त है क्या।

रहो बेख़बर हमसे यूँ ही, कोई बात नहीं
हमें भी यही अन्दाज़ अपनाने की इजाज़त है क्या।

अगर हम हो गए तुम जैसे ही,
तो बताओ सचमुच,
हमें फिर दूर जाने की इजाज़त है क्या।

और फिर लौटकर आएंगे नहीं,
चले जाते हैं जाने वाले,
वापस आने की इजाज़त है क्या।

-


5 MAR AT 21:01

बात नहीं करते हो,लेकिन जब भी करते हो।
लाजवाब कर देते हो, मेरे पास उन बातों का कोई जवाब नहीं होता है। मेरी कहाँ कोई अपेक्षा रही कभी ? और जितनी है वो भी कहाँ पूरी हुई कभी। और शायद इनके पूरे होने की अपेक्षा भी नहीं है मुझे।
चाहे तुम इसे जो भी नाम दो, मुझे ये सब बेनाम ही अच्छा लगता है, बिल्कुल उस मासूम बच्चे की तरह जो अभी दुनिया में आया हो और जिसका अभी नामकरण भी न हुआ हो।
तो जब भी मैं जवाब न दे पाऊँ, मुझे वही मासूम और बेज़ुबान समझ लेना। देखना और सुनना हो तो मेरी कोशिशें देखना और सुनना, मेरे अल्फ़ाज़ नहीं। वो कभी कभी यूँ ही बेज़ुबान रहते हैं।

-


28 JAN AT 1:15

न जाने क्या हुआ इस दिल को,
तेरे न होने का गिला भी नहीं करता।
समझ गया है शायद ये नादान भी,
यहाँ कोई किसी का नहीं हुआ करता।

-


8 DEC 2024 AT 14:25

Let me into your heart,
I still cannot forget,
The time we spent together
in the past.
Let me settle into your heart.

-


16 OCT 2024 AT 19:09

क़तरे खून ए जिगर के
कुछ कम पड़ गए
रोशनाई में,
और उनकी ये
ख्वाहिश है कि
मैं हाल ए दिल लिखूँ!

-


10 SEP 2024 AT 20:29

मसरूफ़ किया ख़ुदको बहुत,
फिर भी फ़रार मुमकिन कहाँ
तेरे ख़यालों से।

-


Fetching Shaheda Parveen Quotes