बेवक्त ही सही मुझे वक्त ने पुकारा,मैं आज नहीं मुझे कल ने पुकाराये डर की हकीकत तुम समझोगे नहीं,असल तुम्हें आज ने जीना मुझे कल ने सिखाया। -
बेवक्त ही सही मुझे वक्त ने पुकारा,मैं आज नहीं मुझे कल ने पुकाराये डर की हकीकत तुम समझोगे नहीं,असल तुम्हें आज ने जीना मुझे कल ने सिखाया।
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Sometimes acceptance is a good healer. -
Sometimes acceptance is a good healer.
अब कास की वो समझते मुझमें बाकी नहीं कुछ खुदा का,मैं तो अपना भी ना रहा अब जब उजड़ गए घर परिंद का,वो कहते रहे खुदा है वहां मुझको ख़ाक दिखा मुकद्दर काअब सिलसिला भी रुकता नहीं ये रास्ता जो ख़त्म सा। -
अब कास की वो समझते मुझमें बाकी नहीं कुछ खुदा का,मैं तो अपना भी ना रहा अब जब उजड़ गए घर परिंद का,वो कहते रहे खुदा है वहां मुझको ख़ाक दिखा मुकद्दर काअब सिलसिला भी रुकता नहीं ये रास्ता जो ख़त्म सा।
अब खास क्या कहे, या तो तुम हो या बस तुम ही हो. -
अब खास क्या कहे, या तो तुम हो या बस तुम ही हो.
हर सुबह शाम सी लगती है, ना जाने रात कब गुजरेगी | -
हर सुबह शाम सी लगती है, ना जाने रात कब गुजरेगी |
काश की मैं होता, तो मैं होता। -
काश की मैं होता, तो मैं होता।
जब ख़ाक में मिलना ही मुकद्दर हुआ,गिले शिक़वे, खुश खुर्रम ज़िन्दगी ही क्या। -
जब ख़ाक में मिलना ही मुकद्दर हुआ,गिले शिक़वे, खुश खुर्रम ज़िन्दगी ही क्या।
Life without present could not have a better future. -
Life without present could not have a better future.
मैं मुसाफिर, मुसाफिर की हद क्या।जिस्म मिट्टी की, है मेरी औक़ात क्या।ये दीन ये दुनिया जो ख़ुदा की अमानत,अपना कहूँ इसे है मेरी औक़ात क्या। -
मैं मुसाफिर, मुसाफिर की हद क्या।जिस्म मिट्टी की, है मेरी औक़ात क्या।ये दीन ये दुनिया जो ख़ुदा की अमानत,अपना कहूँ इसे है मेरी औक़ात क्या।
अपनी कैफ़ियतयूँ ज़ाहिर न किया करे,मुहब्बत से यक़ीन उठ जाएगाजन का। -
अपनी कैफ़ियतयूँ ज़ाहिर न किया करे,मुहब्बत से यक़ीन उठ जाएगाजन का।