तुम्हें एक मश्वरा दूं , सादगी से कह दो दिल की बात.....
बहुत तैयारियां करने में गाड़ी छूट जाती है।-
किसका होना है तुम्हें ..ये है तुम्हारा मसला
मुझको होना था किसी का सो तुम्हारा हो गया...
एक दिन झगड़े की आदत हमको लाई थी करीब
एक दिन इस पे ही हम दोनो का झगड़ा हो गया ।-
कैसे करें हम खुद को
तेरे प्यार के काबिल...
जब हम आदतें बदलते हैं
तुम शर्तें बदल लेती हो।
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मैने जो कुछ भी सोचा हुआ है
वो वक्त आने पर कर जाऊंगा....
तुम मुझे ज़हर लगते हो और
मैं किसी दिन तुम्हे पी के मर जाऊंगा....
चाहता हूं तुम्हे और बहुत चाहता हूं
तुम्हें खुद भी मालूम है.....
हां अगर मुझसे पूछा किसी ने
तो मैं सीधा मुंह पर मुकर जाऊंगा
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मुझे खरीदने ऐसे भी लोग आते हैं....
की जिनके कहने से कीमत घटानी पड़ती है।-
इस उम्मीद में , तू खिड़की से झांक ले शायद.
मैने गली में खेलते हुए बच्चे लड़वा दिए
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डर , तो है ही खुदा से
खौफ, तो है ही मौत से....
पर इन सब खौफ में से सबसे ऊपर है ..
तेरा नाराज़ होना, तेरा रूठ कर जाना और फिर
वापस न आना।-
कहने को तो चांद मेरा है....
पर उसे देखने , कभी कोई तो कभी कोई
आ रहा ।
यूं घर तो पास है उसका...
पर न जाने क्यों हमें छोर कर , कभी कोई तो कभी
कोई आ रहा ।
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