Shah Rukh Mohammed   (सालार)
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How do we tell the sea that we are drowning on land ?
Joined 20 November 2020


How do we tell the sea that we are drowning on land ?
Joined 20 November 2020
5 APR AT 12:46

Humari khatao ko baksh dena Ya Rahman
Ab Alvida ho raha humse Maahe Ramzaan

Rab ki di hui kis kis neymat ko tum juthlaoge ae Insan
فَبِأَيِّ عَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

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2 MAR AT 21:29

निकलते वक्त सोचा था घर को जल्दी लौटेंगे
अंदाज़ा न था की सफ़र में क्या क्या मसले खड़े होंगे

हम जो खुद की सख्शियत को पुरनूर समझते थे
ज़माने ने कहा अभी तो तुममें बोहोत ऐब निकलेंगे

हमनें हर उस शख्स को फिर उस्ताद बनाया
जो कहते थे की वो हर परेशानी में खड़े मिलेंगे

ऐतमाद करनें की आदत थी , हमें क्या पता था
अहले ज़र्फ की तलाश में सब कम जर्फ़ मिलेंगे

ज़माने की अज़ियतदारी से थक चुके थे हम ,सो
हमने इरादा किया बातें अब तविल और मुलाकाते कम करेंगे

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20 FEB AT 23:43

सही बात पे सब्र कर लेना कोई मुश्किल तो नहीं
सब्र का इम्तेहान तो गलत बातों पे होता है
सब्र का इम्तेहान तो माफ करने में होता है
सब्र का इम्तेहान तो आजिज़ी में होता है
सब्र का इम्तेहान तो खसारे में होता है
सब्र का इम्तेहान तो मुफ़लिसी में होता है
सब्र का इम्तेहान तो मर्ज़ में होता है
सब्र का इम्तेहान तो कर्ज़ में होता है
सब्र का इम्तेहान तो अज़ीज़ को खो देने में होता है
सब्र का इम्तेहान तो दूसरों को नफा देने में होता है
सब्र कर लेना यूं इतना आसान भी नहीं
जो आ जाए सब्र तो इंसानियत की इससे बेहतर कोई अलामात भी नहीं

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15 FEB AT 22:33

हम जो खुद के लिए लंबी उम्र की दुआं करते रहे
वो जिन्हे खुदा से डर था वो मौत से प्यार करते रहे

सरेआम जो आला ज़र्फ पेश करते हो
क्या इसी अखलाक से अकेले में भी रहते हो

ज़माने की बात को ज़हन से उतर जाने दो
जूते के नीचे रखो और कद बढ़ जाने दो

अपनी अना के लिए अब और कितने दिन जियोगे
एक पल की भी खबर नहीं बताओ तुम तौबा कब करोगे

खुद को बे–ऐब समझकर दूसरे के पर्दे फाश करते हो
डर जाओ तुम अब इस हरकत से खुदा को नाराज़ करते हो


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14 FEB AT 16:10


मोहताज तो हमको हमारी ख्वाहिशों ने बना रखा है
वरना खुदा ने तो ये ज़िंदगी बेहद आसान बना रखा है

इंसान है की खुद को सुकून की तलाश में क्या से क्या बना रखा है
वरना खुदा ने तो सज़दो में ही सारा सुकून सजा रखा है

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11 FEB AT 19:40

My Mother Is like Warm early morning sun rays
Brightening and lightning my days through every ways

Seeing her makes my problems fades
Her eyes is just a beautiful glaze

Her hands on my head makes me feel free of headaches
Listening her feels like listening melodic phrase

Whatever the situation is, she is a warrior in every phase
Even if she is hurt, the pain doesn't come on her face

Mother's love is eternal and it's proven since decades
Mother's are the beautiful creation of god and are worthy of praise

She prepare meals, she do the clothes, She works everyday without any holidays
No matter what hardships she goes through, she never potrays

In a world full of greed when a man have nothing, the mothers love still remains
Whenever I am in sorrow & grief, my mother enlightens me through every possible ways

Mother's are such a wonderful creation that I don't have enough words to complete this phrase
Let's take a oath that not only on mother's day we will let her feel special in rest of the days.

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9 FEB AT 20:07

माहौल कितना अब बिगड़ रहा है
हां मेरा देश अब बदल रहा है

हिंदू तो दिख रहा है , मुसलमा भी दिख रहा है
बोहोत ढूंढा मगर कही अब इंसा नही दिख रहा है

सोने की इस चिड़ियां को फिज़ाओं में ऊंचा बोहोत ऊंचा परवाज़ करना था
क्या खूब ज़ुल्म हुआ इस चिड़ियां पर
पहले कैद किया अंग्रेज़ों ने गुलाम बनाकर
फिर आज़ाद किया देश को बांटकर
मानो जैसे काट दिए हों पर किसी ने पिंजरे से निकाल कर

इंसानों की बढ़ती बस्तियों में वो चिड़िया अब खो सी गई है
चाहें मर्ज़ी खोज लो जितना वो चिड़ियां अब मर सी गई है

अखंडता से भरे इस देश को हमने खंडित कर दिया है
बेवकूफ बनकर हमें आपस में लड़ाकर नेताओं ने जो चाहा है वो कर लिया है

जबरन तुम पढ़वा लो कलमे या कहलवा लो जय श्री राम
इसकी इजाज़त न देता है राम और न देता है इस्लाम

इस देश की हर दिशा में अब नफरत फैल रहा है
हां मेरा देश अब बदल रहा है ।

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3 FEB AT 19:49

किसको मिली है मंज़िल, कौन यहां जीत गया
ठहर जा अब जिंदगी की दौड़ में तू कितना मशरूफ हो गया

तेरी मौत से पहले तेरा रिज्क तुझे ढूंढ लेगा
तू करले लाख कोशिश , खुदा की मर्ज़ी से पहले तू क्या कर लेगा

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3 FEB AT 1:16

कच्चे मकानों में मैने रिश्तों का एहतराम देखा है
महलों में अक्सर अपनो को अपनो से ही खफा देखा है

हाल जो भी हो , गरीबी को कभी खुशियों का मोहताज नहीं देखा है
पर जब भी देखा है अमीरी को मैने उदास ही देखा है

खुले आसमां में टूटी चारपाई पे गरीबी को नींद में सराबोर देखा है
मखमल में लिपटी अमीरी को रात भर सिर्फ करवट बदलते देखा है

अल्लाह को बना कर अपना मालिक गुरबत को अभी मस्जिद जाते देखा है
दुनियां को बना कर हाकिम अमीरी को अभी अभी दफ्तर से आते देखा है

गरीबी को हर किसी के दुख में खुद को निसार करते देखा है
वही अमीरी को हर किसी के खुशियों में बेज़ार देखा है

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31 JAN AT 13:00

मोमिन की तरफ जब जब दुश्मनों का वॉर आता है
तब तब अलम थामे हुसैनी फौज़ का सालार आता हैं

मैदानेजंग में जब हैदरे कर्रार आता है
देख जुल्फकार को दुश्मन का तब कलेजा थर्राता है

जिसके आने से खैबर अब भी कांप जाता है
उस साहिबे किरदार को अली कहा जाता है

जिसके विलादत पे यजिदी फौज में हलचल मच जाता है
वो शाहे मर्दा शेरे यजदान कुवते परवरदिगार कहलाता है

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