सर्द रातों की ये सर्दियाँ ..
उसमें तेरे सासों की गर्मियां....
कभी हम ठिठुर रहे हैं।
कभी हम पिघल रहे हैं।
......@ तेरे इश्क़ में 💕-
उम्मीद मेरे अपनो की।तलाश किसी अजनबी की।
रास्ता भी है
मंजिल भी है।
सफ़र में हूँ आज़
साथ हमसफ़र भी है।
जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है...
इसी सफ़र में अब एक उम्र बितानी हैं।
# सफ़र में हमसफ़र-
जिम्मेदारियों के बोझ तले..
तेरे गिरफ्त में हूँ ऐ शहर।
वरना! मेरा गांव मुझे
तुझ से ज़्यादा सुकून देता है।
# # Mumbai-
पल पल गिन के गुजार रहा हूँ तुम बिन
मानो कोई कर्जा उतार रहा हूँ तुम बिन
तुम से मिलके ही मुकम्मल बना हुँ.....
वरना अधूरा ही रह जाता मैं तुम बिन।-
हमारी शख्सियत का वास्ता हर शख्स से रहा है
पर इस दिल का राब्ता बस तुम से ही।💞-
नजरों में भरलो तब तक,
जब तक नज़र में नहीं है हम।
यूँ हैरान ना हो हमारे बदले अंदाज़ पर,
हर बार कुछ अलग़ मिलेंगे हम।-
बैठा हूँ मस्जिद में इबादत में रब के
फिर भी मुसलसल तेरा खयाल क्यों है?
सजदों में ख़ुदा के मेरा सर है,
तो ज़हनों में तेरा सवाल क्यों है?
रुबरू है खुदा कभी तो कभी है मेहबूब,
कैफ़ियत में मेरे ये ज़वाल क्यों है?
पता है फर्क ख़ुदा और मेहबूब में
तो सिने में ये बवाल क्यो है?
राह ए खुदा का जिक्र लबों पे
पर दिल में तेरी फ़िक्र क्यों है?
दुआओं में मेरी गुनाहों की माफी से ज्यादा
तुझे पाने का शुक्र क्यों है?
नादां है मेहबूब मेरा जवाब दे ना पायेगा
हाल ए दिल को वो मुझसे मिला नया पायेगा।
या ख़ुदा तू ही बता,
अनक़रीब मिल जाएगा मुझे वो,
तो मेरा ये मजनुओं से हाल क्यों है?-
हमारा किस्सा -@- मुहब्बत
भी कितना अज़ीब है।
मैं जितना दूर हूँ उनके
वो उतने मेरे करीब है।
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बेताबी बेचैनी बेखयाली बेक़रारी में
बेपनाह बेशुमार बेवजह बेइंतहा
बस कुछ इस तरह चाहा है मैंने तुम्हे।-
कभी नींद में,
कभी होश में
तुम जहाँ मिली......
ना नज़र मिली,
ना जुबा हिली
यू ही सर झुका कर चले गए।
# M 💞-