_Shafaq Zaheen✨   (Aaina-e-Hayaat ✨)
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Joined 18 May 2019


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31 JAN 2022 AT 11:13

रायगा जाएँगी साँसें, रायगा अपने उसूल जाऐंगे,
बाद मेरे ......अगर......लोग मुझे भूल जाऐंगे..— % &

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22 NOV 2021 AT 15:59

Is khmoshi se tu anjaan bhi ho sakta hai..
Dekh isme chhupa toofaan bhi ho sakta hai..
Mout har ek ko aani hai So aayegi zarur,
Kal teri mout ka elaan bhi ho sakta hai..
Iski baato me jhalakti to hai chahat lekin,
Ye jo insaan hai, shaitaan bhi ho sakta hai..
Mujh se milna hai to fir ye bhi samajh le aye dost,
Mujhse milkar ke tu hairaan bhi ho sakta hai..
Tu jise soch ke baitha hai maseeha apna,
Wo tera dushman e jaan bhi ho sakta hai..
Kab hai mumkin, koi armaan bhi baaqi na, rahe,
Kab juda, dil se har armaan bhi ho sakta hai..
Ik khushi mujhko mayassar na hui chahi gayi,
Jabki rab mujhpe meharbaan bhi ho sakta hai..

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27 OCT 2021 AT 8:54

ऐ ख़ुदा, ....तेरी मर्ज़ी से क्या नहीं होता..
सोचती हूँ, क्यों ये सोचा हुआ नहीं होता..

गर ये किस्मत........ बुरी न होती तो ,
फिर किसी को,........गिला नहीं होता..

साथ रहने मे........... फायदा क्या है,
दिल जो दिल से,....... जुड़ा नहीं होता..

ये भी इक बात,...... बस गलत ठहरी,
अच्छे लोगों का,....कब बुरा नहीं होता..

रन्ज-ओ-गम से,.... बरी ही रहना था,
दिल जो .......हसरत ज़दा नहीं होता..

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20 OCT 2021 AT 19:12

Sabko apni hi padi hai, dusro'n ka gam fizool..
Apne aansu sache aansu, teri aankhe'n nam fizool..
Waqt ne itna to mujhko, aaj samjha hi diya,
Koi apna kab hai apna, sabki khatir hum fizool

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29 SEP 2021 AT 23:18

मैं ख़ुश हूँ, बहुत ख़ुश हूँ, कोई गम न कीजिए,
पलकों को मेरे गम में,....तुम नम न कीजिए

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28 JUL 2021 AT 21:07

मौत पर मेरी कोई,.. मातम न हो..
मेरे जाने का किसी को, गम न हो..

मैं तो मरने के लिए ......तैयार हूँ,
आँख बस कोई ज़रा भी, नम न हो..

ज़ख़्म देना है तो .....ऐसा दीजिए,
जिसका कोई भी कहीं, मरहम न हो..

देख ये मुमकिन नहीं..... मेरे लिए,
ख़ुश रहूँ, और पास तेरा गम न हो..

ये तबीअत भी तबीयत में रहे,
इक तबीयत ही सदा ,बाहम न हो..

रह गई महरूम तेरी दीद से,
यूं हुई आँखें के जैसे, दम न हो..

मैं चली अब मौत की आगोश में,
देख रन्जीदा मिरे, हमदम न हो..

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23 JUL 2020 AT 15:31

English me badi weak hain.. 🙁😄
Urdu me kuch, kuch thik hain.. 😇
Math me to khair.....................🤦‍
Hindi me bhi…….. satik hain...😌
Lehze me hai, zra sharaarat…. 🙃
Lihaza wo badi shareef hain...🤔😂
Waise rehti hain, always happy😄🤗
Bas shonkiya , gam-e-adeeb hain😛
Dost bade pyaare hain unke.. 🤗🤗
Masha Allah, wo khushnasib hain😍
Arreeee-2 suno, Kahan ja rahe ho..😜
Wo koi aur nhi, Shafaq Zaheen hain😝🤣

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14 JUL 2021 AT 22:35

कौन कहता है, बडे लोग सही कहते हैं,
बात हर एक सही, वो भी नहीं कहते हैं..

बे-अदब कह दी अगर जाऊँ, तो हैरत कैसी,
यूं फकत मैं ही नहीं, यूँ तो सभी कहते हैं..

उनकी हरक़त पे मुझे खूब जुनूँ आता है,
बात जो लोग, लहज़े मे दबी कहते हैं..

रब करे तुझको ज़माने का,कोई गम न लगे,
देखकर सब ये मिरे लब की हँसी कहते हैं..

उनकी ये शोख़ अदा, हाय मैं सदक़े जाऊँ,
प्यार से जिस घडी, उफ्फ वो मुझे जी कहते हैं..

मैं बुरी हूँ तो,.... बुरी ही तो नज़र आऊँगी,
क्या गलत, मुझको अगर सब ही बुरी कहते हैं.

इश्क़ को,लोगों ने इक खेल समझ रक्खा है,
दिल के आने को,महज़ दिल की लगी कहते हैं..

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6 JUL 2021 AT 23:28

सुने ना कोई,.... सवाल दिल का..
सुनाऊँ किसको, मैं हाल दिल का..

सभी को मुझसे, ....शिक़ायतें हैं,
नहीं किसी को,..ख़्याल दिल का..

ये जो हुआ है,...ये क्यों हुआ है,
क्यों टूटा ख़्वाब-ओ-ख़्याल दिल का..

लबों पे हैं,....... मुस्कुराहटें भी,
रुलाए दिल को, मलाल दिल का..

ना ढूँढें अब मुझको, मुझमें कोई,
के हो गया,.. इन्तक़ाल दिल का..

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6 JUL 2021 AT 16:57

ना जीत का भरम, ना ख़ौफ़-ए-हार देखकर..
होती नहीं मोहब्बत,..... ऐ यार देखकर..

ना शक्ल, ...और न तिरा मैयार देखकर,
मैंने किया है इश्क़,....किरदार देखकर..

अब क्या कहूँ मैं कितनी,नाज़ुक मिजाज़ हूँ,
लगती हूँ रोने जैसे,....मैं प्यार देखकर..

कल तक कहाँ मैं सबको, इतनी अज़ीज़ थी,
सब रो रहे हैं मुझको,.. बीमार देखकर..

बेकार मे ही हमने, दिल को सजा लिया,
आते हैं लोग मिलने,...घरबार देखकर..

बरसों की बात भी लगे,कल ही की बात हो,
हैरान हूँ हयात की,....रफ्तार देखकर..

करते हैं झूठ, सच में,तब्दील ही फकत,
क्या फायदा है आज का,अखबार देखकर..

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