8 MAR 2019 AT 10:09

अबकी हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले।
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबो में मिले।
ढूंढ उजड़े हुए लोगों में वाफा के मोती।
ये खजाने तुझे मुमकिन है तेरे ख्वाबों में मिले।

- i aM ShAdAb ALI