पहला प्यार याद है मुझे तुम्हारा पहला प्यारवो तुम्हारा मेरे करीब आनाऔर मेरी धड़कनो का एकाएक बढ़ जानावो तुम्हारा मेरे बालों से खेलनाऔर मेरा यूँ ही इठलाना वो तुम्हारा मेरे नजदीक आना और मेरा शर्म से आँखे बंद करना वो तुम्हारा धीरे से मुझे बाहों मैं भरना और प्यार से मेरे होंठों को चूमना याद है मुझे हर एक एहसासहाँ याद हैं मुझे तुम्हारा पहला प्यार -
पहला प्यार याद है मुझे तुम्हारा पहला प्यारवो तुम्हारा मेरे करीब आनाऔर मेरी धड़कनो का एकाएक बढ़ जानावो तुम्हारा मेरे बालों से खेलनाऔर मेरा यूँ ही इठलाना वो तुम्हारा मेरे नजदीक आना और मेरा शर्म से आँखे बंद करना वो तुम्हारा धीरे से मुझे बाहों मैं भरना और प्यार से मेरे होंठों को चूमना याद है मुझे हर एक एहसासहाँ याद हैं मुझे तुम्हारा पहला प्यार
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ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है सिर्फ साल बदला हैं जिंदगी नही । -
ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है सिर्फ साल बदला हैं जिंदगी नही ।
मौन हिंदुस्तान हवा सी बेचैन वो लड़कीखिलखिलाती हुई घर से निकलीअभी कुछ आगे बढ़ी ही थी कि अचानक आहट हुई एकआहट कुछेक कदमों की जो बढ़ रहे थे उसकी और फिर एक तेज़ हमले के साथ घसीट ले जाया गया उसेवीरान झाड़ियों में जहाँ रौंदा गया उसेउसकी अंतिम श्वास तकफिर उसे वही मरता छोड़ गायब हो गए कई पदचिन्ह और फिर एकाएक आवाज मिली उन सिसकियों को और जागा हिंदुस्तान धरना प्रदर्शन , कैंडल मार्च , फाँसी दो - फाँसी दो के नारे से गूंज उठा हिंदुस्तान लेकिन फिर दो दिन के शोर के बाद खो गई वो गूंज औरमौन हो गया हिंदुस्तान -
मौन हिंदुस्तान हवा सी बेचैन वो लड़कीखिलखिलाती हुई घर से निकलीअभी कुछ आगे बढ़ी ही थी कि अचानक आहट हुई एकआहट कुछेक कदमों की जो बढ़ रहे थे उसकी और फिर एक तेज़ हमले के साथ घसीट ले जाया गया उसेवीरान झाड़ियों में जहाँ रौंदा गया उसेउसकी अंतिम श्वास तकफिर उसे वही मरता छोड़ गायब हो गए कई पदचिन्ह और फिर एकाएक आवाज मिली उन सिसकियों को और जागा हिंदुस्तान धरना प्रदर्शन , कैंडल मार्च , फाँसी दो - फाँसी दो के नारे से गूंज उठा हिंदुस्तान लेकिन फिर दो दिन के शोर के बाद खो गई वो गूंज औरमौन हो गया हिंदुस्तान
औरत को चरणों की धूलि समझने वाले पुरुष जाति यह तो समझते ही होगें ना की यदि धुल का एक भी कण नेत्र में चले जाए तो मनुष्यों को त्राहि त्राहि कर देता हैं । -
औरत को चरणों की धूलि समझने वाले पुरुष जाति यह तो समझते ही होगें ना की यदि धुल का एक भी कण नेत्र में चले जाए तो मनुष्यों को त्राहि त्राहि कर देता हैं ।
आदत है मुझे इस उदासी की क्योकिं वो मेरा साथ नही छोड़ती इन खुशियों की तरह -
आदत है मुझे इस उदासी की क्योकिं वो मेरा साथ नही छोड़ती इन खुशियों की तरह
कोठा शहर की उन बदनाम गलियो के बीचचार दीवारो से घिरा वो मकानजहाँ लाई जाती हैं रोज नई-नई लाशे बिछाई जाती हैं रोज एक सेजदिन के उजाले में उन्हे वेश्या कहने वाले , शाम ढलते हीपहुँच जाते है उनकी चौखट परऔर फिरहोठों पर मुस्कान लिए नुचवाती हैं वो अपना जिस्महवस के भूखे कुत्तो और गिद्धो से अपने चूल्हे की आग जलाने के लिए बुझाती हैं वो कई जिस्मों की प्यासगला कर अपनी देह को समाज की बेटियों को सुरक्षित वो कर जाती हैं ! फिर भी देखो किस्मत उसकी चरित्रहीन और बदचलन वोकहलाती हैं । -
कोठा शहर की उन बदनाम गलियो के बीचचार दीवारो से घिरा वो मकानजहाँ लाई जाती हैं रोज नई-नई लाशे बिछाई जाती हैं रोज एक सेजदिन के उजाले में उन्हे वेश्या कहने वाले , शाम ढलते हीपहुँच जाते है उनकी चौखट परऔर फिरहोठों पर मुस्कान लिए नुचवाती हैं वो अपना जिस्महवस के भूखे कुत्तो और गिद्धो से अपने चूल्हे की आग जलाने के लिए बुझाती हैं वो कई जिस्मों की प्यासगला कर अपनी देह को समाज की बेटियों को सुरक्षित वो कर जाती हैं ! फिर भी देखो किस्मत उसकी चरित्रहीन और बदचलन वोकहलाती हैं ।
एक अलग सा नशा हैं । तुम्हें देखने कारात बीत जाती हैं पर आखें नही थकती । -
एक अलग सा नशा हैं । तुम्हें देखने कारात बीत जाती हैं पर आखें नही थकती ।
हम अभी तक तुम्हारी याद में वही रुके हुए हैं ! तुम हो की रास्ते पर रास्ते बदले जा रहे हो ! -
हम अभी तक तुम्हारी याद में वही रुके हुए हैं ! तुम हो की रास्ते पर रास्ते बदले जा रहे हो !
बदला बदला सा क्यू हैं तुम्हारा मिज़ाज हमसे हैं कोई शिकायत या अब कोई और हैं तुम्हारे लिए खास????? -
बदला बदला सा क्यू हैं तुम्हारा मिज़ाज हमसे हैं कोई शिकायत या अब कोई और हैं तुम्हारे लिए खास?????
तुम साथ तो दो मेरा मैं अपनी हर कसम निभाऊगी और जनाब तुम जिन्दगी के इम्तिहान कीबात करते हो मैं तुम्हारे लिए मौत से भीलड़ जाऊँगी ! -
तुम साथ तो दो मेरा मैं अपनी हर कसम निभाऊगी और जनाब तुम जिन्दगी के इम्तिहान कीबात करते हो मैं तुम्हारे लिए मौत से भीलड़ जाऊँगी !