ख़ुशी के लम्हों में ताअत न भूलिए
ग़म के लम्हे में रब आपको याद रखेगा।-
शाज़िया निज़ाम
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ख़ामोशी पसंद है इसलिए लिख देती हूँ।
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Joined 22 April 2019
25 SEP AT 12:21
कैसे गिर जाते हैं नज़रों से गिरनेवाले
साँप आस्तीन में होते हैं डंसने वाले,
पहले भरोसा दिलाते हैं नेक होने का
फ़िर नए रंग दिखाते हैं ज़माने वाले,
इन्तज़ार करते हैं वो मेरे एक ग़लती का
भूल जाते हैं अच्चाई आज़माने वाले,
कोई अहसान नहीं लेते हम किसीका भी
मेज़बान देखे हैं निवाले भी गिनाने वाले,
बड़े ग़ौर से सुनते हैं ग़म-ए-दिल मेरा
वही होते हैं अख़बार बनाने वाले,
जो नहीं सोचते सफ़र का अंजाम"जिया"
वही होते हैं हमसफ़र का दिल दुखानेवाले।-
24 SEP AT 22:11
एक उम्मीद है कि
मुस्कुराऊगी,पत्थरों
के बीच खिलकर
दिखाउंगी,मुझे मिलता
रहे साथ अपनों का
किसीके सामने
न सर झुकाउंगी।-
23 SEP AT 18:56
कभी धूप कभी
छाँव है ज़िन्दगी
कभी मरहम कभी घाव है ज़िन्दगी
सबकी सोच अलग है यहाँ
तेज़ बारिश में काग़ज़ की
नाँव है ज़िन्दगी।-