जो गीना नही मेहसुस कीया जाता हे अग्यानी को ग्यानी बनाता है शिष्य के मार्ग से समाज को सजाता है हमे आकार देने के लीए कठोरता अपनाता है लेकीन अंदर से कोमलता भरा होता है
खुशीयॉ लेकर आई सीर्फ साल बदला बाकी सब वही है लेकीन ईसी बहाने दोस्तो से बात और मुलाकात तो हो गई हमारी कीसी को याद तो आई नये साल की शाम हमारे लीये खुशीयॉ लेकर आई