ज़रूरी तो नहीं हर लम्हे में तुम शामिल रहों।
और भी बहुत कुछ है जिन्दगी जीने के लिए।।-
तुम्हारे बज्म की रोशनी नहीं ,इज्ज़त हूँ !
माँ हूँ, बहन हूँ, बेटी हूँ, हाँ मैं और... read more
हरे शज़र न सही शुष्क घास रहने दो ।
जमीं के जिस्म पर कोई लिबास रहने दो ।।-
मैं तुम्हें चाहूँ और तुम्हे गुमां भी न हो ।
फिर तो मेरी दीवानगी में ही कमी मानी जाएगी।।-
ये और बात है कि उसने निभाया ही नहीं
मगर वादे, बड़े गजब के किए थे उसने.......— % &-
ए खुदा बस कर कितना कहर बरसायेगा ,
माना बनती नहीं तेरी मेरे किरदार से ........
बेगुनाह होकर भी और कितनी सजा सुनायेगा— % &-
खत्म ना होगी कभी यह मोहब्बत मेरी ,
मेरे बाद भी मौजूद जहाँ में मेरा किस्सा रहेगा.....
बेशक तू रहे किसी भी दुनिया में ...
पर तू मेरे वजूद का ही हिस्सा रहेगा...
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गजब का सुकून है इन लम्हों में भी ,
जब हम बातें करते खुद से ही ,खामोशियों में भी ।-
तू मेरे साथ नहीं है ,पर अक्स तेरा मेरी आंखों में है!
बेशक तू कहीं और सही, पर तू धड़क रहा मेरी सांसों में है!!
तेरी फिक्र, तेरा साथ , तेरी याद ,और तेरी बातें !
इनका अब जिक्र नहीं करती ,पर तेरा वजूद अब भी मेरे अल्फाजों में है!!-