एक बार ज़रूरत तो पूरी होने दो
तुम्हारा चेहरा, आदत, तरीके
सब बुरे लगने लगेंगे-
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सज़ा दो उन गलतियों की
जो मैंने कीं हैं
उनकी नहीं
जो तुमने सोच लीं हैं-
इतनी सारी उम्मीदे जो
लेकर चले हो राहे दोस्ती
छोड़ देना कुछ रास्ते में
सफर आसान होगा
ख़ैर तुम बताओ
कितना निभा पाओगे
अगले मोड़ पर एक एक
वफ़ा का हिसाब होगा
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वक़्त गुज़ार रहे थे लोग हमारे साथ
और हम उन्हें अपनी दुनिया समझ बैठे-
ताल्लुक बचाने के लिए
उनकी गलतियां माफ़ करके बात क़्या करली
वो उल्टा हमें ही बेवकूफ समझने लगे-
प्यार में कभी सब कुछ भुलाकर
इतना simple भी मत हो जाना
की लोगों को तुम bore लगने लगो
और दूसरे smart लोग पसंद आने लगे-
हम दो का झगड़ा जो भी हो
मैं सुलझाने को तैयार हुँ
वजह कोई तीसरा बने रिश्ते में
तो आग लगाने को तैयार हुँ
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दूर जाने की वजह
को यूँ छिपा लेते हो
हर बार बेवजह
तुम मुँह बना लेते हो
चलो गलती मेरी है तो
जानने का हक़ दोगे क़्या
या इस बार भी फरेबो को
नाराज़गी से ढक दोगे क़्या
मैं जानने को बेताब रहता हुँ
की मुझसे ख़ता कहाँ हुई
वो ख़ुद के फरेबो को
नाराज़गी की चादर से ढक देता है-
बात अगर काम की हो
तो मैं कान से सुनूंगा
ख़ामोशी से भरे अल्फाज़ो को
बोहोत ध्यान से सुनूंगा
ज़रा लहज़े को नर्म रखिये
मैं बोहोत शौक से सुनूंगा
और आवाज़े अगर ऊँची हो जाये
मेरे जूते की नोक पे सुनूंगा
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दर्द,ज़ख्म,दुश्मनी,बदनामी
सब कुछ सह लूंगा मैं
बस राह ए इश्क़ मे
तुम धोखा ना देना-