Sh Priya   (Sh Priya)
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Joined 4 April 2018


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2 SEP 2022 AT 23:55

किसी गैर को अपना बना लेना,
बहोत आसान होता हैं,
लेकिन वही अपना अगर गैर बन जाये,
तो कोई क्या करे?

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19 AUG 2022 AT 21:19

मेरे कान्हा इस बार आना तो
एक जादुई आईना भी लाना
जिसमे इंसान की फितरत साफ - साफ दिखाई दे
ऐसा कोई उपाय बताना
मेरे कान्हा
सच्चाई का एक संसार बसाना
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
झूठे रिश्तों के बादल हटाना
दिल में खुदे कब्र को
कही और दफनाना
मेरे कान्हा

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15 AUG 2022 AT 14:19

आज हम अमृत महोत्सव मना रहे है
अपनी सोच में अमृत कब लाएंगे?
गुलामी से तो हम 75 साल पहले आज़ाद हो गए
मगर सही मायनों में आज़ादी कब पाएंगे?
कब होगा कि
हम भी खुल के सांस ले पाएंगे
हम हर मुद्दे पर खड़े हो जाते है
चाहे भ्रस्टाचार हो, बलात्कार हो या हो दहेज उत्पीड़न
या फिर ऐसी और भी जाने कितनी समस्याएं!
लेकिन सिर्फ न्यूज़ channal के उछालने तक।
क्योंकि हमारी यादाश्त बहोत कमजोर है!
और थोड़े दिनों के हल्लाबोल में
लाइमलाइट का भी तो खेल हैं!
थोड़ा खुद भी सुधरिये
और थोड़ा सिस्टम भी
स्वार्थ के बिना भी कुछ कदम उठाए जा सकते है
मानवता के लिए भी चेहरे पर मुस्कुराहट लाये जा सकते है
तो आइये मिलकर गुलामी को सही मायनो में दूर भगाए
केवल बॉडी से नही
अपनी सोच पर भी आज़ादी का झंडा फहराये!!
Happy Independence day

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19 DEC 2020 AT 16:24

ये इश्क़ हैं जनाब
खामोशी भी रास नही आती
अनगिनत बातों में
बस एक तेरा चेहरा
लबों पर मोहब्बत की
सौगात नही आती.....!!

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27 NOV 2020 AT 23:02

कोई रोता हैं,
कोई मुस्कुराता हैं.....!
कोई मरता हैं,
तो कोई दुनिया में आता हैं.....!
ये समय का खेल हैं, जनाब,
कोई डोली तो कोई अर्थी सजाता हैं!!

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6 NOV 2020 AT 21:00

इंसान की फितरत भी किसी गिरगिट से कम नही होती.........
परिस्थितियों के हिसाब से रंग बदलतें रहते हैं,
जब किसी से खुश होते हैं,
उसकी सारी बुराइयां भूल जाते हैं.....!
और नाराजगी में उसकी सारी अच्छाइयां भी.....!!

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11 JUL 2020 AT 22:21

सपनों का एक समूह था,
मानों, एक ना एक दिन,
मैं उसे हाथों में सजा लूंगी,
रख लूंगी अपने पास,
उसे अपनी बिंदिया,
बना लूंगी.....!

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10 JUL 2020 AT 22:02

और ज़िंदगी हैं.....!!
थक गयी हूँ,
लड़ते लड़ते.....!!
बोझ अब सांसों का,
सहा नही जाता,
ज़िन्दगी अब तेरे संग,
रहा नही जाता.....!!
ज़िंदा होके भी,
मर गयी हूँ मैं.....!!

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8 JUL 2020 AT 22:44

हो तुम,
वरना
दिमाग को कहा पसंद है,
ये तुम्हारी गलतियों का थैला.....!!

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6 JUL 2020 AT 13:47



जब मोहब्बत के नाम पे,
जाने कितने सपनें,
बेवजह ही आँखों में,
झिलमिला जाते थे.....!!©shpriya



जब सपनों ने हकीकत की धरती पर पाव रखा,
तो महसूस हुआ, ©shpriya
कि, ये आशिक़ी तो सिर्फ़ फ़िल्मी बातें हैं.....!
एक दूसरे की परवाह और इज्जत ही
एक रिश्ते को खूबसूरती से जीने का श्रोत होती है.....!!

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