sen shahab   (Ajay sen)
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Joined 12 February 2019


Joined 12 February 2019
28 JAN 2022 AT 23:20

कभी कभी तुमसे मिल कर उतनी ही ख़ुशी होती है
जितनी समोसे में पनीर मिलने पर होती है — % &

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26 JAN 2022 AT 19:58

मजबूर हूँ थोड़ा, बिचारा नहीं हूँ मैं
दरिया हूँ, कोई किनारा नहीं हूँ मैं
मेरी मंजिल से कह दो, थोड़ा बक्त लगेगा
जरा थका हूँ, हारा नहीं हूँ मैं — % &

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23 NOV 2021 AT 14:11

दिल को यूँ दुःखा के चली गयी
आई ,अरमान सजा के चली गयी
हमने इरादा बनाया गले मिलने का
वो आई और हाथ मिला के चली गयी

मैंने सोचा इसबार जकड लूंगा मुट्ठी में उसे
आए किस्मत तू हाथ हिला के चली गयी

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23 NOV 2021 AT 10:25

दिल को यूँ दुःखा के चली गयी
आई ,अरमान सजा के चली गयी
हमने इरादा बनाया गले मिलने का
वो आयी और हाथ मिला के चली गयी

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17 NOV 2021 AT 17:43

ऐसा हो या बैसा हो
सोच भला फिर कैसा हो
जिसकी खातिर छोड़ा तूने
काश वो तेरे जैसा हो

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16 NOV 2021 AT 15:17

राज दर्द ए मोहब्बत सुनाया जाये तो कैसा रहेगा
दिल में जो है वो जुवां पर लाया जाये तो कैसा रहेगा!

मंजर ए वर्बादी जिसके कारण हुआ मेरा
नाम उसका भरी महफिल लिया जाये तो कैसा रहेगा!

मुद्दतों से छिपाये बैठा हूँ जो राज दिल में
वो सारे बताये जाएं तो कैसा रहेगा!

दिल टूट कर फिर लगता नहीं किसी और से
दिल फिर उन्ही से लगाया जाये तो कैसा रहेगा!

मेरा सकीब मेरा दोस्त निकला
नाम उसकी सहेली का भी बताया जाये तो कैसा रहेगा!

वो सोचती है कि उसने छोड़ा मुझे
खयाल मेरा भी बताया जाये तो कैसा रहेगा!

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11 NOV 2021 AT 10:21

इस बार मैं कुछ बड़ा कर जाऊँगा
बात क्या थी, ये तुम सब को बताऊंगा
हर बार लगाया गले, तो मंचला कहती है मुझे
इस बार मिली, तो सिर्फ गले नहीं लगाऊंगा

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9 NOV 2021 AT 14:55

इम्तेहाँ कुछ यूँ हुआ मेरे सब्र पर
वो आईने में सबर कर आयी मेरी क़ब्र पर
बाबू, सोना, जान क्या क्या नहीं पुकारा उसने
खुद्दार था मैं, मैंने मुड़ कर नहीं देखा पर

सब तो यहाँ कुछ और ही लिख रहे है अजय
फिर तुमने ये क्या लिख डाला मोहब्बत पर

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8 NOV 2021 AT 8:21

मोहब्बत कुछ यूँ करेंगे हम
इस बार मिल कर सारा हिसाब करेंगे हम
महगाई बहुत है, सो सुन लो जान
बच्चे सिर्फ दो ही करेंगे हम

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19 OCT 2021 AT 16:22

एक हद होती है बत्तमीजी की
कैसे कहा, तुमने बत्तमीजी की
मैंने दुपट्टा, संभाला उसका
वो कहती तुमने बत्तमीजी की

एक दफा पुकारा कह कर बत्तमीज उसने
फिर हमने बत्तमीजी की!

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