क्या कहूं उसके बारे में जिसका जन्मदिन पूरी दुनिया मना रही है
ऐसा लग रहा है मानो पूरी दुनिया कृष्ण कृष्ण हो रही है
जो किसी का लड्डू गोपाल बनके उसकी खूब सेवा लेता है
तो किसी का ठाकोर जी बनके उसके घर की रक्षा करता है
हर किसी के लिए वो हर रूप ले लेता है
कभी सखा, कभी बेटा तो कभी प्रेमी बन जाता हैं
तो कभी इंतजार कर रही रुक्मणि को वो दिल से अपनाता हैं
मेरा कान्हा हर रूप में ढल जाता हैं आप उसे जैसा सोचो वो वैसा बन जाता है
जो कृष्ण को चुनते हैं वो वैष्णव बन जाते हैं
पर जिसको कृष्ण चुनते हैं वो कृष्णमय हो जाते हैं
हर दिन ऐसी लीला रचाते है
मेरे कान्हा उसे अपने पास होने का अहसास दिलाते हैं
मक्खन मिश्री और ढेरी सारी मिठाईयां
आप सभी को जन्माष्टमी की ढेर सारी बधाइयां
कृष्ण भी ये पढ़ कर मुस्कुराते होंगे
शायद मेरी इस कविता से वो भी कही खुद पर नाज करते होंगे
बैठ के सुनाया मेने कृष्ण को
दी बधाई उसे उसके जन्मदिन की
कृष्ण भी बोलें क्या बात है सखी
तो बोलो हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की
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