Sefil Mansuri   (Sufi|'सूफी')
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Poet 🌼
Joined 22 September 2021


Poet 🌼
Joined 22 September 2021
26 SEP 2021 AT 22:00

एक दो जाम पीने से क्या होता है,
तेरे नशे मे तो हम आज भी है

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19 JAN 2022 AT 13:58

जलाइ हे मेने उन यादो को आपनी
जो घटने के बाद पुरानी हो गई....

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7 DEC 2021 AT 18:47

ये हस्ते चेहरे के पीछे की नमीं को बेपरदाह मत करना,
कई बीछडी बाते छीपी है इसमे।

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2 OCT 2021 AT 14:32

जब गांधी निकल पड़े थे अकेले उन राहो पर
देखो आज तिरंगा लहरा रहा है सारे जहाँ पर

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23 SEP 2021 AT 17:24

एक गूफतगू के कारण मिले होगे, शायद तुम और में

ओर उसी गूफतगू के कारण आज बीछड गए है

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23 SEP 2021 AT 17:08

दर्द छिपाना आता है मुझे,
मेतो गम में भी मुस्करा लेता हूँ

तेरी आदत हे मुजको,
फिर भी मे खुद को सभाल लेता हूँ

वेसे तो मुस्कराता रही मे,
फिर भी घडी भर रो लेता हूँ

जब याद आये तेरी तो,
खुद से खुद को मिल लेता हूँ

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22 SEP 2021 AT 16:49

તારુ ને મારુ ઇશ્ક નું 'નામુ' મેળવી લઈએ

જો હોય નહી વિશ્વાસ તો તારા નામ સાથે મારુ સરનામું મેળવી લઈએ

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22 SEP 2021 AT 16:22


मुझे उस ऊंचाइ पर नहीं जाना,
जहाँ तूमहारा साय न हो.......

'सूफि'

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