हर लम्हें मिटे इस दिल से,
मिट चुकी है दिल से हर याद,
जाने क्यों, बस याद तुम हो!!
ज़िंदा हो तुम काली रात के तह में,
ख़ामोश सर्द रातों में गुम हो,
हाँ....बस याद तुम हो!!
हर अदा जोड़ती हूं तुमसे,
बस वीरानियों में भूली हूं,
फिर भी, बस याद तुम हो..!!
अंदर से टूटी हूं, पर मुस्कुराती हूं,
तुम नही हो याद,खुद को बताती हूं,
पर सच में..! सिर्फ याद तुम हो..!!
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