औरतें ही औरतों के किरदार निहारने लगी
....
इन मर्दों ने भी न ...
...समाज.. लोकलाज.. के नाम पर
...औरतों पर जंजीरें बड़ी का कस के बांध रखी हैं..
....
या फिर... मैं बंधन में और वो आज़ाद .. ये अहसास..
.... ख़ंजर सा चुभता होगा...-
If someone wants "family"
..then must be ready for boundaries -
...respect care and feelings
If choose a "bindass life"
..self pleasure is the destination ...
...May be it with
loneliness ..-
रूठों भी तब....
मनाने वाले हो ...
रोना भी तब...
चुप करानें वाले हो
न हो कोई आस पास तो...
बिंदास जी ले यार...
कही नहीं है बही खाते... आसमानों में ...
तो... जो भर दिया है जग ने...
मन में ..
उनपे ...जरा अच्छे से...
झाड़ू फिराईए ...
और अपनी खुशियों...
अपनी संगति के लुत्फ़ उठाईए...-
सुनते रहे तुम्हारी तो.. सुलझे से ही रहे रिश्ते...
जब से थोड़ी अपनी सुनाने लगे... उलझ सा गया है सब ...-
रिश्ते संभालने की जिम्मेदारी...
एक तरफ न निभाइए जनाब ...
वो हाथ झटक दे तो..
खुद को ढूंढना.. तोड़ देता है..-
छू तो लेते हो मुझे...
पर मेरे नज़दीक भी हो क्या तुम
ये सवाल भी न ...
अक्सर मुझे....तुममें ..
एक अजनबी से ही परिचय करवाया
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स्त्री न हो जाएं आज़ाद
बड़े प्यार से गहने, वस्त्रों को बनाया
उनका पसंदीदा पहरेदार...-
नथ कंगन पायल की सरगम में
सहनशीलता, धैर्य, बर्दाश्त
सब घुट्टी सा पिलाए बचपन में-
खुद से खुद को ही प्यार कर लीजिए जनाब...
निस्वार्थ चाहत अब .. मिलनी कहा यहां ..-