चराग़ों से रोशनी उधार चल रही है
गुफ्तगू चांद से कुछ खास चल रही है
आफताब को भी, खलिश है चांद से
के भाई चांद, यूँ हर रोज़ कैसे तुझ संग
नये- नये किस्से- कहानियों पर
बात चल रही है-
अपने ज़मीर की सुनने लगे हैं आजकल
ज़िन्दगी कुछ अपने ढंग से जीने लगे हैं आजकल
ख़ूबसूरत, नायाब-
Make us a great learner
because constant learning
is the key to success
with growth in life.-
सब कुछ चाहा हुआ नहीं होता
और जो होता है नहीं आता वो समझ उस वक्त
पर वक्त का दस्तूर है ख़ूबसूरत
जो होता है उससे ख़ूबसूरत कुछ नहीं होता
कुछ रंग जो चुने होते हैं हमने
यकीनन ज़िन्दगी की तरह
रंगों का खज़ाना हमारे पास नहीं होता
और जब चाहा हुआ नहीं होता
तो चाहत से भी ज्यादा है होता
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भी काफी है
ताउम्र गुज़ारने के लिए
तो क्यूं एक लम्हे में सिमटें
अपनी खुशी
जब है ज़िन्दगी खोले अपनी बाहें
हमारे इंतज़ार में-
नहीं जीना वैसे हमें
ये ज़िंदगी हमारी है
सफर हमारा है
तय करना हमें है
तो करेंगे,
पर अपनी तरह से
अपने ढंग से
अपनी मर्ज़ी से-
रुसवाई से नाता जोड़ लीजिए
जो मुसकुराना हो
ख़ुद पर हंसना सीख लीजिए
जो मुसकुराना हो
काम ख़ुद पर करते रहिये हमेशा
जो मुसकुराना हो
ख़ुद को खुश रखना सीखिये
जो मुसकुराना हो-
हम जुगनुओं को लेने चल दिए
समेटे कुछ तारे
चांदनी की थोड़ी रोशनी भी
संग अपने कर लिए
दिल अब जगमगा उठा
और रात के वक्त
हम रोशनी समेट सोने चल दिए
के मुलाकात अब होगी
सूर्य के प्रकाश संग
और रोशनी रहेगी कायम दिल में
हर पहर
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पीड़ा ख़ुद की ना हरे
पर बढ़ने से रोक लेती है
औषधि है ये मुफ्त की, जो औरों को भी खुश कर देती है-