वक़्त के साथ रिश्ता मुक़्कमल होता गया हम थोड़े उनसे, वो थोड़ा मुझसा होता गया -
वक़्त के साथ रिश्ता मुक़्कमल होता गया हम थोड़े उनसे, वो थोड़ा मुझसा होता गया
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मुस्कुराट देख कर उनकी हम होश गवा बैठे ,हम होश में आने को ही थे कि वो फिर मुस्कुरा बैठे। -
मुस्कुराट देख कर उनकी हम होश गवा बैठे ,हम होश में आने को ही थे कि वो फिर मुस्कुरा बैठे।
बदल ही दे मफ़हूम हमाराऐसे माथा चूम हमारा!पहले ही इश्क़ में बिगड़ गए थेइश्क़ नहीं मासूम हमारा!!— % & -
बदल ही दे मफ़हूम हमाराऐसे माथा चूम हमारा!पहले ही इश्क़ में बिगड़ गए थेइश्क़ नहीं मासूम हमारा!!— % &
ख्वाब होते हैं देखने के लिएउनमें जा कर मगर रहा न करो -
ख्वाब होते हैं देखने के लिएउनमें जा कर मगर रहा न करो
आपकी ख़ामोशियों को भी , कभी - कभी समझ नही पाते .........पढ़ रहे हैं हमें ...... या समझ रहे हैं हमें .....! -
आपकी ख़ामोशियों को भी , कभी - कभी समझ नही पाते .........पढ़ रहे हैं हमें ...... या समझ रहे हैं हमें .....!
पैर क्या फिसला, इल्जाम चप्पल पर लगाया सबने ...हमेशा तपती जमीन और कांटों से बचाया था जिसने !! -
पैर क्या फिसला, इल्जाम चप्पल पर लगाया सबने ...हमेशा तपती जमीन और कांटों से बचाया था जिसने !!
वक्त भी हार जाता है कई बार जज़्बातो से,किसी के लिए कितना भी करो कम ही पड़ जाता है। -
वक्त भी हार जाता है कई बार जज़्बातो से,किसी के लिए कितना भी करो कम ही पड़ जाता है।
सुनो भागती ज़िन्दगी में...जब भी ठहरने का दिल करता है...तुम्हारा ख़्याल साथ देता है हमारा..! -
सुनो भागती ज़िन्दगी में...जब भी ठहरने का दिल करता है...तुम्हारा ख़्याल साथ देता है हमारा..!
इरादे बेईमान से है मेरे ,खुद को नज़रों से बचा के रखा करो .! -
इरादे बेईमान से है मेरे ,खुद को नज़रों से बचा के रखा करो .!
थक से गए है खुद को साबित करते - करते, अब तो गुनहगार बन ही बेठे तेरे इल्ज़ाम सहते - सहते .!! पछताओगे उस दिन , जब सच तो होगा सामने , ले भी न पाओगे अपनी बदुआ को वापस तुम रोते रोते ...!! थक सी गई अब खुद को साबित करते - करते. -
थक से गए है खुद को साबित करते - करते, अब तो गुनहगार बन ही बेठे तेरे इल्ज़ाम सहते - सहते .!! पछताओगे उस दिन , जब सच तो होगा सामने , ले भी न पाओगे अपनी बदुआ को वापस तुम रोते रोते ...!! थक सी गई अब खुद को साबित करते - करते.