दिलेल्या शब्दाला जागणं म्हणजेच जगणं!
- सायली डाकरे-
Sayali Dakare
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Joined 30 July 2018
23 NOV 2020 AT 12:40
रिश्तों में समझ हो तो समझोता करने की नौबत नहीं आती, शायद!
- सायली डाकरे-
3 NOV 2020 AT 16:08
2 OCT 2020 AT 12:15
आजकल शरीर की थकान हर एक मकान की जरूरत बन गई है, शायद!
- सायली डाकरे-
22 SEP 2020 AT 14:30
सोच और सच के बीच का अंतर नाप पाना ही समझदारी हैं, शायद!
- सायली डाकरे-
17 SEP 2020 AT 13:53
लोग बताने से ज्यादा जताने में विश्वास रखते है, शायद!
- सायली डाकरे-
5 AUG 2020 AT 12:21
मैंने अपनो के कई किस्से देखे है,
मैंने एक ही घर में कई हिस्से देखे है...
- सायली डाकरे-