पहुंच मेरी से हमारा मुक़द्दर दूर हो गया मैं ना चाह कर भी तुझसे दूर होने को मजबूर हो गया माना बिकता है प्यार बाजारों में पैसे की तरहां मेरा तेरी मोहब्बत के लिए जीत कर हार ना ज़रूरी हो गया
बैठने खुद नहीं है पास इल्जाम हम पर दूर होने का लगते हैं वक्त है दुनिया के लिए उनके पास हमें रोता हुआ देख मुस्कुराते हैं मजबूर है क्योंकि वादा किया है खुद से उन्हें न छोड़ने का वह तो हर दफा हमें अकेला होने का ऐहसास करते हैं